रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं साहित्यकार पंडित सुंदरलाल शर्मा और ठाकुर प्यारे लाल सिंह की जयंती पर उन्हें नमन किया है. राज्यपाल ने कहा कि पंडित सुंदर लाल शर्मा ने देश की आजादी के लिए राष्ट्रीय आंदोलन में भागीदारी निभाई. उन्होंने समाज में छुआछुत की भावना दूर करने और अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए. इसके साथ ही पं. सुंदरलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ी में महत्वपूर्ण साहित्य की रचना कर छत्तीसगढ़ी भाषा की अभिवृद्धि में भी अमूल्य योगदान दिया है. वहीं ठाकुर प्यारे लाल सिंह छत्तीसगढ़ में सहकारिता आंदोलन के प्रणेता थे. उनके द्वारा किए गए सामाजिक एकता और उत्थान के कार्य नई पीढ़ी को प्रेरणा देती रहेगी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पंडित सुंदरलाल शर्मा ने सामाजिक चेतना की आवाज हर घर तक पहुंचाने का अविस्मरणीय कार्य किया. उन्होंने छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में फैले अंधविश्वास,छुआ-छूत,रूढिवादिता जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए अथक प्रयास किया. वे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई राष्ट्रीय आंदोलनों से जुड़े और छत्तीसगढ़ में स्वाधीनता आंदोलनों की मजबूती और जनजागरण के लिए भरसक प्रयत्न किया. वे किसानों के अधिकारों की लड़ाई के रूप में प्रसिद्ध कंडेल सत्याग्रह के प्रमुख सूत्रधार थे. बघेल ने कहा कि पंडित सुदरलाल शर्मा के जीवन मूल्य सदा प्रेरणा देते रहेंगे.
उन्होंने ठाकुर प्यारेलाल सिंह की जयंती पर कहा कि ठाकुर साहब ने न सिर्फ गरीबों की सेवा की बल्कि उनके अधिकारों के लिए जीवनभर संघर्ष किया. ठाकुर प्यारेलाल सिंह छत्तीसगढ़ में सहकारी आंदोलन के पुरोधा के रूप में जाने जाते हैं. वे छात्र जीवन से ही स्वाधीनता आंदोलनों से जुड़े. उन्होंने अत्याचार और अन्याय के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की और जन असंतोष को संगठित दिशा प्रदान की. राजनांदगांव में मिल मजदूरों को संगठित कर उन्हें कुशल नेतृत्व प्रदान किया. छत्तीसगढ़ में छात्रों को संगठित रूप से आंदोलनों से जोड़ने का श्रेय भी ठाकुर साहब को जाता है. उन्होंने जन-जागरण के लिए भी कई काम किये. बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में अपने अमूल्य योगदान के लिए ठाकुर साहब हमेशा याद किये जाएंगे.