अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर बातें होने लगी हैं. इसी बीच काशी और मथुरा को लेकर श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि अयोध्या के बाद काशी और मथुरा मंदिरों के मुक्त होने के बाद हिंदू आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट किए गए अन्य मंदिरों से संबंधित मुद्दों को भूल जाएंगे.
उन्होंने अपने बयान में कहा कि हमारी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि इन तीनों मंदिरों को छोड़ दिया जाना चाहिए. क्योंकि ये आक्रांताओं के हमारे ऊपर किए गए आक्रमणों के सबसे बड़े निशान हैं. इसके कारण लोगों और राष्ट्रीय समाज के अंत:करण में बहुत वेदना है. यदि इस वेदना को ये लोग शांति से दूर कर देते हैं तो भाईचारा बढ़ने में और सहयोग मिलेगा.
उन्होंने आगे कहा कि ये तीन मंदिरें मुक्त होने के बाद हम अन्य मंदिरों की तरफ ध्यान देने की इच्छा भी नहीं करते हैं. क्योंकि हम लोगों को भविष्यकाल में जीना है भूतकाल में नहीं जीना है. देश का भविष्य अच्छा होना चाहिए. इसलिए समझदारी के साथ ये तीन मंदिर प्रेम से हमें मिल जाते हैं तो हम सारी अन्य बातें भूल जाएंगे.
महाराज ने आगे कहा कि जैसे राम मंदिर का समाधान शांतिपूर्वक ढूंढ लिया गया है, वैसे ही हमें उम्मीद है कि अन्य मुद्दे भी सुलझ जाएंगे. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग काशी और मथुरा के शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए तैयार हैं, लेकिन कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. हम परिस्थिति के अनुसार अगला कदम उठाएंगे और उन्हें समझाने का भरपूर प्रयास करेंगे.
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