शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में पहली बार ई-बजट (e budget) पेश करने को लेकर दिए बयान पर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह बैकफुट पर आ गए हैं. उन्होंने कहा कि मैंने किसी वर्ग या जाति का नाम लेकर बयान नहीं दिया. कई ऐसे विधायक हैं, जिनके इलाकों में नेटवर्क नहीं आता है या उन्हें टेबलेट चलाना नहीं आता है. मुझे खुद टेबलेट चलाना नहीं आता है. गोविंद सिंह ने मीडिया पर पूरे विवाद का ठीकरा फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि मीडिया ने इस बयान को गलत तरीके से पेश किया है.
विधायकों ने मेरा नहीं, मीडिया की भ्रामक खबर का किया विरोध
कांग्रेस के ही विधायकों द्वारा उनके बयान के विरोध पर कहा कि किसी भी विधायक ने मेरा विरोध नहीं किया, बल्कि मीडिया में दिखाई जा रही भ्रामक खबर का विरोध किया है. नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह (Dr Govind Singh) ने कहा था कि विपक्ष पेपरलेस बजट का विरोध करेगा. डिजिटल बजट (digital budget) पेश करना तानाशाही है. उन्होंने कहा था कि प्रदेश में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति वर्ग के लोग हैं, उन्हें डिजिटाइजेशन की जानकारी नहीं है. इसलिए डिजिटल बजट का हम विरोध करेंगे.
प्रीतम लोधी का कोई जनाधार नहीं
प्रीतम सिंह लोधी को लेकर डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि प्रीतम सिंह लोधी कभी इस डाल पर कभी उस डाल पर उछल कूद करते रहते हैं. उनका कोई जनाधार नहीं है. दरअसल प्रीतम लोधी 3 मार्च को बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. पिछोर में होने वाले बड़े आयोजन में सीएम शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में वापसी हो सकती है.
विधायकों की दक्षता पर सवाल- चिकित्सा मंत्री
इस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Vishvas Sarang) ने कहा कि यह बोलना विधायकों की दक्षता पर सवाल है. टेक्नोलॉजी को हमें एक्सेप्ट करना चाहिए. आज गांव का व्यक्ति भी गेहूं उपार्जन की खबर एसएमएस (SMS) से लेता है. विपक्ष को पेपरलेस बजट का स्वागत करना चाहिए. गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा कि जिसको जैसे समझना है, वो वैसे समझ लें। वित्त मंत्री बजट पढ़ेंगे, वो सुन सकते हैं.
बीजेपी विधायकों में रोष
बीजेपी विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी (Pradyuman Singh Lodhi) ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने एसटी-एससी और ओबीसी का अपमान किया है. हो सकता है कोई कम जानता होगा, लेकिन धीरे-धीरे समझने का काम हो जाता है. हम स्किल और डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहे हैं. हमें भी अपडेट रहना पड़ेगा. इस तरह की बात करना पूरी तरह से अपमान करना है. ऐसा कोई नहीं होगा, जिनको नहीं मालूम होगा. जिसको पढ़ने में कोई परेशानी होगी.
नेता प्रतिपक्ष के बयान को लेकर कांग्रेस में दो फाड़
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया (Kantilal Bhuria) ने कहा कि जो ऐसा कह रहे हैं, वह खुद पढ़े लिखे नहीं है. ST-SC को सब कुछ मालूम है, अच्छे पढ़े लिखे लोग है. उन्होंने कहा कि सब पढ़े लिखे हैं, बजट को समझते हैं. सरकार कितने लीपापोती करके बनावटी दिखावा करके लाती है. हमारे नेता ने ये नहीं कहा होगा, कहा होगा ये तो गलत है. कोई LLB, कोई M.Com पढ़ा हुआ है.
बुकलेट और डिजिटलाइजेशन दोनों रखना था- कांग्रेस विधायक
वहीं नेता प्रतिपक्ष के बयान पर कांग्रेस विधायक अशोक मार्सकोले (Ashok Marskole) ने कहा कि ये सिर्फ ST-SC की बात नहीं है, ये सबके लिए होना चाहिए. एक ही स्टेप में ऐसे निर्णय गलत है. बुकलेट भी होनी चाहिए और डिजिटलाइजेशन भी होना चाहिए. सबके लिए गवर्मेंट को दोनों लेवल पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बहुत सारे ऐसे लोग होंगे जो शायद उसको नहीं समझ पाएंगे. सरकार को बुकलेट और डिजिटल दोनों रखना चाहिए था.
सज्जन सिंह वर्मा ने किया समर्थन
सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) गोविंद सिंह के समर्थन में खड़े हुए. उन्होंने कहा कि पेपर प्लेट के साथ प्रिंटेड बजट भी जरूरी है. कार्यमंत्रणा समिति में स्पीकर के सामने कांग्रेस ने पक्ष रखा है. सज्जन सिंह ने कहा कि गोविंद सिंह का मतलब है कि सभी डिजिटल नहीं जानते है.
विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों की दी नसीहत
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम (Girish Gautam) ने सभी विधायकों को नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि विधायक स्टडी करके ही विधानसभा में आए. कई बार देखने में आया है कि विधायक स्टडी करके नहीं आते है. यह मौजूदा सरकार का आखिरी बजट सत्र है। इस सत्र में मैराथन दौड़ की तरह परफॉर्मेंस दें.
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