भोपाल. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भले ही गुड गवर्नेंस के लाख दावे करें लेकिन उनके होनहार सरकारी अधिकारी और कर्मचारी रोजाना कामचोरी औऱ घूसखोरी के नए-नए कीर्तिमान गढ़ रहे हैं.
दरअसल, मध्य प्रदेश की लोकायुक्त की विशेष पुलिस ने एक महिला सरकारी कर्मचारी को गिरफ्तार किया है. इस कर्मचारी ने ऐसा कांड किया है कि आपको शर्म के साथ साथ गुस्सा भी आएगा. दरअसल, एक किसान के पास घूस देने के लिए पैसे नहीं थे तो कर्मचारी ने उससे कहा कि अगर पैसे नहीं दे सकते हो तो चार किलो मटर ही घूस में दे दो. बेचारा किसान मरता क्या न करता. उसने घूस में 4 किलो मटर दी.
मामला राज्य के ग्वालियर शहर का है. यहां तहसीलदार कार्यालय में तैनात रीडर अनीता श्रीवास्तव को उस वक्त लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया जब वे एक गरीब किसान से 4 किलो मटर घूस के तौर पर ले रही थी. ग्वालियर के गिरवई गांव के किसान नंद किशोर सिंह लोधी ने लोकायुक्त के पास शिकायत की थी कि रेवेन्यू बुक में उनकी दस एकड़ जमीन के डिटेल्स दर्ज करने के लिए अधिकारी और कर्मचारी घूस मांग रहे हैं. घूस देने में सक्षम न होने के कारण पिछले 11 महीने से उनकी जमीन अभिलेखों में दर्ज नहीं हो पाई है.
लोधी ने शिकायत में बताया कि तहसीलदार कार्यालय की कर्मचारी अनीता ने उनसे इस काम को करने के एवज में दस हजार रुपये की घूस मांगी. उसके बाद जब उन्होंने जब ये रकम देने में असमर्थता जताई तो उन्होंने घूस की रकम घटाकर 6000 कर दी जब उन्होंने ये रकम देने में भी अक्षम होने की बात कही तो उन्होंने 2000 रुपये घूस देने की बात कही.
सरकारी कर्मचारी अनीता ने बकायदा किसान को हिदायत देकर कहा कि 2000 घूस के साथ साथ 4 किलो ताजी मटर भी लेते आना. उसने कहा कि जिस झोले में मटर हो उसी झोले में नीचे पैसे भी ऱखकर लाना. इससे परेशान किसान ने अपनी व्यथा लोकायुक्त कार्यालय को बताई. जहां लोकायुक्त की विशेष पुलिस ने बकायदा जाल बिछाकर घूसखोरी कर्मचारी को 4 किलो मटर के साथ गिरफ्तार कर लिया. उस घूसखोर कर्मचारी पर भ्रष्टाचार निवारक एक्ट की कई धाराएं लगाकर लोकायुक्त पुलिस कार्रवाई में जुट गई है.
भले ही सीएम शिवराज सिंह कितने दावे गुड गवर्नेंस के करें लेकिन उनके कर्मचारी सरकार की भद्द पिटवाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. घूसखोरी का ये अनूठा मामला सोशल मीडिया के साथ साथ पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है.