दिल्ली. दुनिया के कई देशों में जहां जनसंख्या विस्फोट की स्थिति है और सरकारें परिवार नियोजन को बढ़ावा दे रही हैं, वहीं कुछ ऐसे देश भी हैं, जहां जनसंख्या चिंताजनक स्तर तक गिर गई है और इसमें लगातार गिरावट आ रही है। इन्हीं में यूरोप के बाल्कन द्वीप का छोटा सा देश सर्बिया भी है, जहां जन्म दर में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। वहीं बहुत से लोग देश छोड़कर भी जा रहे हैं, जिससे प्रशासन में चिंता की लहर देखी जा रही है।
इन सबके बीच सरकार ने युवा दंपतियों से जल्दी बच्चे पैदा करने की अपील की है। युवा दंपतियों को बच्चे पैदा करने के लिए उत्साहित करते हुए सर्बिया सरकार ने नया नारा दिया है, ‘चलो बच्चों की किलकारियां सुनें।’ सरकार ने अपने युवा दंपतियों से अपील की है, ‘बच्चे पैदा करो, देरी मत करो।’ हालांकि युवाओं में इसे लेकर बहुत उत्साह नहीं देखा जा रहा। महिलाओं का कहना है कि उन्हें इसके लिए बेहतर सहयोग चाहिए न कि महज प्रेरणादायक शब्द।
सर्बिया में जनसंख्या दर में बढ़ोतरी के लिए सरकार युवाओं को कई तरह से प्रोत्साहित कर रही है। मातृत्व देखभाल कानून के तहत भी महिलाओं को कई तरह की सुविधाएं दी गई हैं। सर्बिया सरकार ने इस साल फरवरी में जन्म दर बढ़ाने से संबंधित स्लोगन के लिए नकद पुरस्कार वाली प्रतियोगिता का ऐलान भी किया था, जिसमें, ‘मां मैं अकेला नहीं रहना चाहता/चाहती। पापा, मैं भाई/बहन चाहता/चाहती हूं’ और ‘हमें सबसे पहले प्यार और बच्चों की जरूरत है!’ जैसे नारों को विजेता घोषित किया गया था।
सर्बिया के हर परिवार में औसतन 1.5 बच्चे हैं जो यूरोप में सबसे कम है। इसकी आबादी गिरकर 70 लाख के करीब पहुंच गई है और संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2050 तक इसमें और 15 फीसदी की गिरावट आ सकती है। युवा दंपतियों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से सरकार ने जून में एक योजना भी घोषित की थी, जिसके मुताबिक बच्चों के कम जन्म दर वाले इलाकों में कम मंजि मकान बनाए जाएंगे।
राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुकिक ने तर्क देते हुए कहा था कि यह इस अध्ययन पर आधारित है, जिसमें पता चला है कि दो से चार मंजिला घरों में रहने वाले दंपतियों में ऊंचे अपार्टमेंट्स ब्लॉक्स में रहने वालों के मुकाबले बच्चे पैदा करने की दर दोगुना अधिक है।