दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 94वीं जयंती की पूर्व संध्या पर उनकी याद में 100 रुपये का सिक्का जारी किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाजपेयी की स्‍मृति में सिक्‍का जारी किया। इस अवसर पर बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी मौजूद रहे, जो लंबे समय तक वाजपेयी के सहयोगी रहे हैं। कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहे।

वाजपेयी की याद में जारी इस सिक्‍के के एक तरफ भारत अंकित है तो दूसरी तरह पूर्व प्रधानमंत्री की आकृति है। इस पर देवनागकरी और रोमन, दोनों लिपियों में उनका नाम भी अंकित है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने वाजपेयी की विचारधारा और उनके दिखाए रास्ते पर चलने की प्रतिबद्धता जताई। उन्‍होंने यह भी कहा कि वाजपेयी ने अपने राजनीतिक करियर का लंबा वक्‍त विपक्ष की बेंचों पर बैठते हुए बिताया पर उन्‍होंने हमेशा राष्‍ट्रीय हित की बात की।

पीएम मोदी ने कहा कि अटल जी हमेशा चाहते थे कि लोकतंत्र सर्वोच्च रहे। अटल जी ने जिस पार्टी की नींव रखी आज वह दुनिया की सबसे बड़ी पार्टियों में शुमार है। कई पीढ़ियों के कार्यकर्ताओं को उनके मार्गदर्शन का लाभ मिला।

पीएम मोदी ने कहा, ‘अटल जी ने जनसंघ बनाया लेकिन जब हमारे लोकतंत्र को बचाने का समय आया तब वह और अन्य जनता पार्टी में चले गए। इसी तरह जब सत्ता में रहने या विचारधारा पर कायम रहने के विकल्प की बात आई तो उन्होंने जनता पार्टी छोड़ दी और भाजपा की स्थापना की।’

वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 93 साल की उम्र में 16 अगस्‍त को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। वाजपेयी की याद में सिक्‍का जारी करते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उनका दिल अब भी यह मानने को तैयार नहीं है कि वाजपेयी अब इस दुनिया में नहीं हैं।