दिल्ली. मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. 2021 में होने वाली जनगणना के लिए सरकार ने तैयारी शुरु कर दी है. सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि इस बार की जनगणना में ओबीसी जातियों का डाटा भी अलग से इकट्ठा किया जाएगा. माना जा रहा है कि पिछड़ी जातियों को लुभाने के लिए मोदी सरकार ने ये दांव खेला है.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जनगणना कार्यक्रम की शुरुआत करने से पहले एक बैठक बुलाई जिसमें इसके कई पक्षों पर चर्चा की गई. बैठक में जनगणना से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा के बाद सरकार ने ऐलान किया कि 2021 की जनगणना सिर्फ तीन सालों में पूरी कर ली जाएगी. इसके साथ ही इस बार की जनगणना की खास बात होगी कि इसमें पहली बार ओबीसी वर्ग के आंकड़े अलग से इकट्ठा किए जाएंगे.
इस जनगणना की खास बात ये होगी कि इसमें पहली बार सैटेलाइट के जरिए घरों की जानकारी इकट्ठा की जाएगी. इस काम के लिए सरकार 25 लाख कार्मिकों की भारी भरकम फौज लगाएगी. सरकार ने कहा है कि अभी तक जहां सात से आठ साल में ये काम पूरा होता है वहीं इस बार इसे मात्र तीन साल में पूरा करने की योजना है. सरकार का कहना है कि ओबीसी के आंकड़े अलग से इसलिए इकट्ठा किए जा रहे हैं ताकि उनकी सही स्थिति सरकार को पता चल सके और उनको मिल रही सुविधाओं की हकीकत भी सरकार को पता चल सके.
वैसे सरकार के इस कदम के बाद माना जा रहा है कि एक औऱ बवाल तय है. आरक्षण समर्थक जहां इसका समर्थन करेंगे वहीं आरक्षण विरोधी इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ औऱ आक्रामक होंगे.