हरिओम श्रीवास,मस्तूरी। सरकार की महत्वकांक्षी गौठान योजना के तहत गौठानों में मवेशियों को रखने की व्यवस्था बनाई गई है. लेकिन वहां मवेशियों को नहीं रखने से ग्रामीणों का फसल बर्बाद हो रहा है. यही वजह है कि ग्रामीणों को मजबूरन करीब 250 मवेशियों को एक जमीन में बने बाउंड्री बॉल में बंद कर रखना पड़ा. एसडीएम ने ग्रामीणों की समस्या सुने बगैर मवेशियों को छोड़वा दिया. जिससे गांव में तनाव की स्थिति हो गई और मौके पर अपर कलेक्टर भगवान दास उइके, एडिसनल एसपी संजय ध्रुव, डीएसपी महेश सिन्हा, मस्तूरी एसडीएम मोनिका वर्मा, नायब तहसीलदार शेषनारायण जायसवाल के साथ पुलिस बल बुलानी पड़ी. तब मामला शांत हुआ. मामला बिलासपुर जिले के मस्तूरी का है.

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी गौठान योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है. लोहर्सि में गोठान होने के बावजूद किसानों को आवारा मवेशियों से अपनी फसल बचाने में दिन रात कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है. आवारा मवेशी रात में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इससे निजात पाने ग्रामीण गांव के एक निजी जमीन में बने बाउंड्री का ताला तोड़कर कर दो दिनों से कांजी हाउस के रूप में बना कर आवारा मवेशियों को रखा गया था, लेकिन जमीन मालिक के शिकायत के बाद से मस्तूरी एसडीएम ने लोहर्सि पहुंचकर किसानों की समस्या जानने के बजाए सभी मवेशियों को छोड़ने का आदेश दे दी. जिससे किसान आक्रोशित हो गए और एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और सभी मवेशी फिर से खेत में फसल को चरने लगे.

गांव में तनाव की स्थिति देख मौके पर पुलिस बल बुलाना पड़ गया. आवारा मवेशियों के लिए ठोस कदम नहीं उठाने से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. ऐसे में गांवों में किसान खेत के बीच रातभर जागकर खेतों में मवेशियों से फसलों से बचाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है. इसके बावजूद खेतों में झुंड के साथ आने वाले आवारा मवेशी फसलों को चट कर रहे हैं. आक्रोशित ग्रामीणों पांच घंटे बाद मवेशियों को पकड़कर फिर जंगल में छोड़ने की तैयारी में हैं. जबकि गौठानों में मवेशियों को रखने की व्यवस्था है, लेकिन उन्हें वहां नहीं रखा जा रहा है.

ग्रामीणों ने बताया कि दूसरे गांव से इतने तादात में मवेशी कैसे आ रहे हैं समझ से परे हैं. ग्रामीण अपनी मवेशियों को पहचानते हैं. कौन इसे रात को खेतों में छोड़ देता है. ग्रामीणों को समझ में नहीं आ रहा है. ग्रामीणों की मानें तो किसान एक तो अल्पवर्षा से परेशान है ऊपर से बची फसल को आवारा मवेशी नुकसान पहुंचा रहे हैं.

वही इस मामले में अपर कलेक्टर भगवान दास उइके और एसडीएम मोनिका वर्मा मिश्रा का कहना है कि कुछ नहीं हुआ सब सामान्य हैं. आप लोग दशहरा मनाइए.

लेकिन सवाल यह उठता है कि जब सामान्य स्थिति है तो पुलिस बल और अपर कलेक्टर एडिसनल एसपी, डीसीपी दो थाने मस्तूरी और पचपेड़ी टीआई को मौके पर क्यों पहुंचना पड़ा ? फिलहाल मामला शांत है.