नई दिल्ली . दिल्ली में बाइक टैक्सी चलाने की मंजूरी दी गई, लेकिन वह सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी होगी. इसके अलावा रेंट ए बाइक जैसी योजना का प्रावधान भी किया गया है, जोकि गोवा व हरिद्वार जैसे शहरों में पहले से चलती हैं.

इस योजना के तहत लाइसेंस लेने के बाद सभी वाहनों में सुरक्षा के मद्देनजर जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा. यात्री टैक्सी के अंदर पैनिक बटन की सुविधा भी देनी होगी.

यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता रहेगी ऐप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियों को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं. यात्रियों की सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया है. 24 घंटे 7 दिन वाला कंट्रोल रूम होगा. हर शिकायत का निपटारा करना होगा. टैक्सी के जीपीएस लोकेशन को परिवहन विभाग के साथ शेयर करना होगा.

प्रदूषण से जंग में मील का पत्थर दिल्ली सरकार का कहना है कि मोटर वाहन एग्रीग्रेटर व डिलिवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 वायु प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली की जंग में मील का पत्थर साबित होगी. एग्रीगेटर्स नीति में डिलीवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स संस्थाओं के वाणिज्यिक वाहन बेड़े को समयबद्ध तरीके से शून्य उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना अनिवार्य किया है. इस योजना के तहत दिल्ली में सभी एग्रीगेटर्स को अपना पूरा बेड़ा 2030 तक इलेक्ट्रिक करना होगा. इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ लाइसेंस लेने वालों को कोई शुल्क नहीं लगेगा.

‘प्रीमियर बस सेवा लाने के पीछे अध्ययन नहीं’

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार हर दूसरे दिन ऐसी योजनाएं लाती है, जिसके पीछे कोई वास्तविक अध्ययन नहीं होता है. प्रीमियर बस सेवा की शुरुआत किसी शोध पर आधारित नहीं है. इससे सड़क पर वाहनों की संख्या बढ़ने से दिल्ली में प्रदूषण ही बढ़ेगा. बीता अनुभव बताता है कि जो लोग कारों से यात्रा करते हैं, वे आसानी से सार्वजनिक बसों में यात्रा करने की ओर नहीं बढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली सरकार इस योजना के तहत कुछ परिवहन संचालकों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है.