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रायपुर। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के आयोजना में आचार्यश्री महाश्रमण के शिष्य मुनिश्री सुधाकर के सान्निध्य में टैगोर नगर स्थित लाल गंगा पटवा भवन में “पंच ऋषि जप महाअनुष्ठान” का आयोजन हुआ। मुनिश्री सुधाकर ने कहा कि जप आस्था, श्रद्धा, विश्वास के साथ करना चाहिए।
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मुनि सुधाकर ने विघ्न हरण, भिक्षु म्हारे प्रगट्या, मुणिन्द मोरा ढ़ाल के रचना की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि हम किसी भी देव को माने या न माने लेकिन उनकी आसातना नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंच ऋषि का जप कभी भी, कही भी, किसी भी परिस्थिति में किया जा सकता है। विशेष रूप से स्वयं की साधना के आधार पर कहा कि जैन धर्म के अनेकों ऐसे मंत्र है, जिनकी दृढ़ इच्छा, निर्विकल्प श्रद्धा, अटूट विश्वास के साथ आराधना की जाये तो तकदीर की तस्वीर बदली जा सकती है। आध्यात्मिक उन्नति की ओर आरोहण हो सकता है। पारिवारिक, सामाजिक, ग्रह दोष इत्यादि अनेकों समस्याओं का समाधान हो सकता है।
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मुनिश्री ने विधि-पूर्वक पंच ऋषि जप का अनुष्ठान करवाया। लगभग 2 घंटे चले इस अनुष्ठान में सभी साधकों ने तन्मयता से सहभागी बन जप किया। जप अनुष्ठान में अपनी सुमधुर आवाज में गीत गाने वाले चेन्नई से पधारे राकेश माण्डोत का सम्मान किया गया। मुनि नरेश कुमार ने गीत का संगान किया। मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल, स्वागत तेरापंथ सभा अध्यक्ष गौतम गोलछा, आभार अनुष्ठान संयोजक पंकज पारख ने व्यक्त किया। अनुष्ठान में विशेष रूप से राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई आदि क्षेत्रों से भी श्रद्धालु सहभागी बनने पधारे थे।
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