इमरान खान, खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा में कलेक्टर की जनसुनवाई में अपनी पोती के इलाज के लिए आर्थिक सहायता का आवेदन निरस्त होने से आक्रोशित एक बुजुर्ग ने जनसुनवाई में ही आवेदन फाड़ दिया। इतना ही नहीं कलेक्टर परिसर की डस्टबिन में उसे फेंक दिया। इस दौरान बुजुर्ग का कहना था कि जब आवेदन ही निरस्त हो गया तो अब इसका क्या करूंगा।

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खंडवा के जसवाड़ी रोड के रहने वाले कैलाश चौबे की पोती को अपेंडिक्स की शिकायत थी। उन्होंने अपेंडिक्स के ऑपरेशन के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त का आवेदन दिया था। जिसके लिए उन्होंने डॉक्टरों की अनुशंसा के आधार पर 7.50 लाख रुपए इलाज खर्च की बात आवेदन में लिखी थी। इसके लिए उन्होंने स्थानीय सांसद का अनुशंसा पत्र भी लगाया था। राशि बड़ी होने के कारण यह आवेदन पत्र खंडवा कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया जहां से वह निरस्त हो गया।

जब यह व्यक्ति दोबारा कलेक्टर साहब की जनसुनवाई में पहुंचा तो वहां उन्हें पता चला कि उनका दिया गया आवेदन भोपाल से मुख्यमंत्री कार्यालय से निरस्त हो गया है। इसी बात से आक्रोशित होकर वह जनसुनवाई से निकले और आवेदन पत्र फाड़कर डस्टबिन में डाल दिया। उनका कहना था कि जब आवेदन ही निरस्त हो गया तो अब इसका क्या करूंगा।

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इस मामले में अपर कलेक्टर का कहना था कि उनके द्वारा दिया गया आवेदन पत्र खंडवा कार्यालय से मुख्यमंत्री कार्यालय भोपाल भेज दिया गया था। राशि बड़ी होने के कारण वह मुख्यमंत्री कार्यालय से निरस्त हो गया। इसकी सूचना खंडवा कार्यालय को प्राप्त हो गई थी लेकिन बुजुर्ग व्यक्ति को इसकी जानकारी नहीं थी। आज जनसुनवाई में उन्हें यह बताया गया तब वह नाराज हो गए।

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