नई दिल्ली. बच्चे का जन्मदिन मनाने वृंदावन आए एक परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं. स्नान के दौरान शनिवार सुबह दादा-पोता यमुना में डूब गए. देर शाम तक दोनों की तलाश नहीं हो पाई.

 दिल्ली के नजफगढ़ निवासी आशीष त्रिपाठी अपने परिवार के साथ सात वर्षीय बेटे देव त्रिपाठी का जन्मदिन मनाने के लिए शुक्रवार रात वृंदावन पहुंचे थे. भोर में देव और उसके दादा महेंद्रनाथ त्रिपाठी संत प्रेमानन्द महाराज के दर्शन करने के लिए केली कुंज पहुंचे. दर्शन उपरांत दोनों यमुना स्नान के लिए विहार घाट पहुंच गए. सुबह करीब छह बजे बाबा और नाती स्नान के लिए यमुना में उतरे और गहरे पानी में डूबने लगे. आस-पास मौजूद लोगों ने शोर मचाया, जिसे सुनकर स्थानीय गोताखोरों ने यमुना में छलांग लगा दी.

स्टीमर में नहीं था ईंधन

दोनों के यमुना में डूबने की सूचना पर क्षेत्रीय पुलिस के साथ पीएसी के जवान स्टीमर लेकर मौके पर पहुंच गए, लेकिन स्टीमर में ईंधन न होने के चलते काफी देर तक खोज कार्य रुका रहा. ईंधन आने के बाद पुलिस-पीएसी और गोताखोरों ने घाट से लेकर पक्के पुल तक सर्च ऑपरेशन चलाया. कई घंटे की खोजबीन के बाद भी देर शाम तक दोनों का पता नहीं चला है.

कार्तिक माह शुरू, नहीं कोई इंतजाम

विहार घाट, चीर घाट, केसी घाट समेत अन्य प्रमुख घाटों पर यमुना का जलस्तर गहरा है. यहां करीब दो माह के अंदर ही आधा दर्जन से अधिक लोगों के डूबने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें से ज्यादातर की मौत हुई है. शरद पूर्णिमा से कार्तिक माह की भी शुरुआत हो गई है. घाटों पर भीड़ बढ़ रही है लेकिन न तो यहां बेरिकेडिंग की गई है, जिससे कोई गहरे पानी में न उतरे और न ही रोक-टोक के लिए कर्मचारी तैनात किए गए हैं. केसी घाट को छोड़कर बाकी घाट कच्चे हैं, जहां फिसलन भी अधिक रहती है लेकिन यहां कार्तिक स्नान को देखते हुए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं.