श्रीनगर। भारतीय सेना का दुनिया में कोई सानी नहीं है. यह बात एक बार फिर साबित हो गई, जब भारतीय सेना पर हमला करने के लिए महज 30000 रुपए के लालच में पाकिस्तान की सीमा पारकर भारत आए फिदायीन हमलावर की जान बचाने के लिए जवानों ने अपना खून दिया.

पाक अधिकृत कश्मीर से आए फिदायीन हमलावर तबारक हुसैन को भारतीय सेना ने नौशेरा राजौरी के जहांगीर सेक्टर से 21 अगस्त को पकड़ा था. तबरीक ने पूछताछ में बताया कि पाकिस्तान सेना के कर्नल युनूस ने उसे भारतीय सेना पर हमला करने के लिए 30 हजार रुपए दिए थे. भारत की सीमा लांघने के दौरान भारतीय सेना की गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गया था.

ब्रिगेडियर राजीव नायर ने बताया कि रेयर ब्लड ग्रुप ओ निगेटिव वाले तबरीक की जान बचाने के लिए खून की जरूरत पड़ने पर सेना के जवानों ने तीन बॉटल खून दिया. ऑपरेशन के बाद तबारक को आईसीयू में रखा गया है, जहां उसकी स्थिति स्थिर बताई गई है. लेकिन हालत में सुधार के लिए कई हफ्ते लगेंगे.

ब्रिगेडियर नायर ने बताया कि हमने उसे आतंकवादी के रूप में नहीं लिया, बल्कि उसकी जान बचाने के लिए अन्य मरीजों की ही तरह उसका उपचार किया. यह भारतीय सैन्य अधिकारियों की महानता है, जिन्होंने उसकी जान बचाई तो उनकी जान लेने के लिए आया था.

पीओके का रहने वाला है फिदायीन

पकड़े गए आतंकी तबारक ने अपने कुबूलनामा में बताया कि उसके साथ 4 से 5 आतंकी हथियारों के साथ आए थे. उसने बताया कि उसके पिता का नाम मलिक है और वे 6 भाई-बहन है. उसने बताया कि LoC से 2 से 3 किमी दूर गांव सब्जकोट का रहने वाला है. पाकिस्तान में ट्रेनिंग देने के बाद उसे व उसके साथियों को दहशत फैलाने के लिए हिंदुस्तान भेजा गया था.

भारतीय पोस्ट में हमले के लिए भेजा

फिदायीन आतंकी ने बताया कि उसे हिंदुस्तान भेजने वाले का नाम चौधरी यूनिस और वह पाकिस्तान आर्मी में है. आतंकी ने खुलासा किया कि उसे झंगर बॉर्डर पर भारतीय सैन्य पोस्ट पर फिदायीन हमला करने के लिए भेजा गया था. कैमरे के सामने तबारक हुसैन के हर शब्द ने पाकिस्तान और उसकी सेना के आतंकी इरादे का पर्दाफाश कर दिया है. फिदायीन आतंकी ने और भी कई खुलासे किए हैं.

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