Greenleaf Envirotech IPO: NSE SME पर बुधवार को ग्रीनलीफ एनवायरोटेक (Greenleaf Envirotech) के शेयरों की लिस्टिंग उम्मीदों के विपरीत रही. जिन निवेशकों ने ओवरसब्सक्राइब आईपीओ से तगड़े मुनाफे की उम्मीद लगाई थी, उन्हें आज झटका लगा. कंपनी का ₹136 प्रति शेयर का इश्यू प्राइस तय किया गया था, लेकिन लिस्टिंग के समय यह ₹134.90 पर खुला, यानी निवेशकों को पहले ही कदम पर 0.81% का घाटा झेलना पड़ा.
इतना ही नहीं, शुरुआती ट्रेडिंग के कुछ ही घंटों में शेयर ₹128.15 तक फिसल गया और लोअर सर्किट में पहुंच गया. यानी लिस्टिंग के दिन ही निवेशकों का नुकसान लगभग 5.77% तक पहुंच गया.
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IPO का सफर: जब सब्सक्रिप्शन ने जगाई थी उम्मीदें (Greenleaf Envirotech IPO)
ग्रीनलीफ एनवायरोटेक का ₹21.90 करोड़ का IPO 30 सितंबर से 6 अक्टूबर तक खुला था. इस दौरान निवेशकों का अच्छा रुझान देखने को मिला, इश्यू कुल 3.84 गुना सब्सक्राइब हुआ.
- नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का कोटा 4.16 गुना भरा.
- खुदरा निवेशकों (Retail Investors) का हिस्सा 3.52 गुना भरा.
इससे बाजार में यह उम्मीद बन गई थी कि लिस्टिंग पर अच्छा प्रीमियम देखने को मिलेगा, लेकिन पहले ही दिन का प्रदर्शन उम्मीद से उलट निकला.
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IPO से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कहां होगा (Greenleaf Envirotech IPO)
कंपनी ने इस इश्यू के जरिए ₹17.81 करोड़ मूल्य के नए शेयर जारी किए, जबकि ₹10 की फेस वैल्यू वाले 3 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत बेचे गए.
OFS से जुटाई रकम मौजूदा शेयरहोल्डर्स को गई, जबकि नए इश्यू से जुटाई राशि कंपनी अपने विस्तार और ऑपरेशनल जरूरतों के लिए खर्च करेगी:
- ₹1.86 करोड़ सिविल मशीनरी और उपकरणों की खरीद पर
- ₹35 लाख लैब इक्विपमेंट्स पर
- ₹1.35 करोड़ कर्ज चुकाने में
- ₹9 करोड़ वर्किंग कैपिटल जरूरतों में
- शेष रकम सामान्य कॉरपोरेट कार्यों के लिए
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कंपनी की प्रोफाइल: वेस्टवॉटर और फायर सेफ्टी सॉल्यूशंस में विशेषज्ञ
ग्रीनलीफ एनवायरोटेक EPC (Engineering, Procurement & Construction) मॉडल पर काम करती है और वेस्टवॉटर ट्रीटमेंट व फायर सेफ्टी प्रोजेक्ट्स में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती है.
कंपनी का फोकस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) और एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ETP) जैसी परियोजनाओं पर है. इसके क्लाइंट्स में इंडस्ट्रियल यूनिट्स, रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स और सरकारी संस्थान शामिल हैं.
वित्तीय स्थिति: लगातार सुधार की दिशा में (Greenleaf Envirotech IPO)
कंपनी की बैलेंस शीट बीते तीन वित्तीय वर्षों में लगातार मजबूत हुई है —
वित्त वर्ष | शुद्ध मुनाफा | कुल आय | कुल कर्ज | रिजर्व और सरप्लस |
---|---|---|---|---|
FY 2023 | ₹0.97 करोड़ | ₹— | ₹6.12 करोड़ | ₹1.12 करोड़ |
FY 2024 | ₹2.28 करोड़ | ₹— | ₹5.13 करोड़ | ₹3.09 करोड़ |
FY 2025 | ₹4.70 करोड़ | ₹39.08 करोड़ | ₹2.49 करोड़ | ₹7.79 करोड़ |
कंपनी की कुल आय तीन साल में 21% CAGR से बढ़ी है, जबकि कर्ज में निरंतर कमी आई है, जो एक वित्तीय रूप से अनुशासित कंपनी की निशानी है.
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लिस्टिंग में गिरावट की वजहें
- बाजार की सामान्य कमजोरी: SME सेगमेंट में हाल के सत्रों में वोलैटिलिटी बढ़ी है.
- लिस्टिंग गेन के लिए शॉर्ट-टर्म निवेशकों की भारी एग्जिट: जिन्होंने त्वरित मुनाफा कमाने की कोशिश की.
- सेक्टर-विशेष निवेशकों की सतर्कता: एनवायरोटेक सेक्टर में कई नई कंपनियों की लिस्टिंग से प्रतिस्पर्धा बढ़ी है.
निवेशकों के लिए आगे का रास्ता (Greenleaf Envirotech IPO)
लिस्टिंग पर गिरावट के बावजूद, कंपनी के फंडामेंटल्स मजबूत माने जा रहे हैं. एनवायरोटेक सेक्टर में सरकारी नीतियों और क्लीन टेक्नोलॉजी पर बढ़ते फोकस को देखते हुए, लंबी अवधि के निवेशक इसमें मौके तलाश सकते हैं. हालांकि, अल्पकालिक निवेशकों को अभी सतर्क रहना चाहिए क्योंकि शुरुआती दिनों में SME शेयरों में तेज उतार-चढ़ाव आम है.
ग्रीनलीफ एनवायरोटेक का IPO यह मिसाल बन गया है कि हर ओवरसब्सक्राइब्ड इश्यू सफल लिस्टिंग की गारंटी नहीं देता. फिलहाल, कंपनी का प्रदर्शन उसके भविष्य की दिशा तय करेगा. निवेशकों को मुनाफे की हकीकत देखने से पहले थोड़े धैर्य की जरूरत होगी.
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