रायपुर। स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग की मुहिम पर पूरा विश्व आज उनके साथ खड़ा है. ग्लोबल संस्था फ्राइडे फ़ॉर फ्यूचर के आह्वान पर राजधानी रायपुर सहित दुनिया के 139 देशों के लगभग 3 हजार शहरों में क्लाइमेट स्ट्राइक किया गया. 50 लाख से ज्यादा लोग दुनिया भर में जलवायु बचाने की इस मुहिम में सड़क पर उतरे. इस दौरान छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा आंबटित किये गए कोल ब्लॉकों को निरस्त किये जाने की मांग भी जमकर उठी.

राजधानी रायपुर में आनन्द नगर चौक से तेलीबांधा तालाब तक पृथ्वी बचाओ मार्च एक दर्जन से अधिक संगठनों  द्वारा निकाला और धरना दिया. रैली में प्रदर्शनकारियों ने जलवायु बचाने के लिए जमकर नारेबाजी की. दुनिया के शासक होश में आओ, धरती बचाओ, धरती बचाओ, धरती हमारी क्या है, माँ है-माँ है, सेव नेचर, सेव फ्यूचर जैसे नारे गूंजते रहे.

इस मार्च में गुरुकुल कालेज, दुर्गा कालेज के विद्यार्थियों इशिता अग्रवाल, हर्षिता तिवारी सहित सैकड़ों विद्यार्थियों ने “पर्यावरण बचाओ धरती बचाओ” के नारों के साथ रैली में भाग लिया. विद्यार्थियों के अतिरिक्त कारवां छत्तीसगढ़ से सृष्टि त्रिवेदी, कथाकार से अग्निशिखा, मंच से अनिता झा, शुभ्रा ठाकुर, रचना झा, सोसायटी फ़ॉर पालिसी रिसर्च से उमाप्रकाश ओझा, जीवेश चौबे, अधीर भगवानानी, छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ से संकेत ठाकुर, ग्रीन आर्मी से किशन साहू, इशिता शिर्के, आदि ने इस मुहिम में हिस्सा लिया.

छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक आबंटन का मामला भी इस आंदोलन में गूंजा. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हाल ही में कोल ब्लॉकों का आबंटन किया गया है. इस आबंटन से प्रदेश के जंगल और पहाड़ नष्ट हो जाएंगे. लाखों की संख्या में हरे भरे पेड़ों को काटा जाएगा. जिसे बचाने के लिए हसदेव-अरण्य बचाओ समिति कोरबा से आये वेद, विपाशा सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने भी रैली में हिस्सा लिया और कोयला खदानों को निरस्त करने की मांग की.

आपको बता दें दुनिया को वापस प्राकृतिक तौर पर बेहतर बनाने के लिए ग्रेटा ने 20 से 27 सितम्बर तक पूरी दुनिया के छात्र-छात्राओं से अपील की है, कि अपने आने वाले भविष्य को बचाने के लिये सड़कों पर उतरा जाए और नष्ट होती प्रकृति को बचाने की शुरुआत अभी से ही करने समस्त देशों के राष्ट्राध्यक्षो पर दबाव डाला जाये.

गौरतलब है 18 अगस्त 2018 को एक 15 साल की बच्ची ग्रेटा थनबर्ग ने स्वीडिश पार्लियामेंट के बाहर अकेले ही पर्यावरण बचाने एवं तेजी से हो रहे प्रकृति के विनाश के खिलाफ धरना दिया था. बाद में हर शुक्रवार को अकेले ही पार्लियामेंट के बाहर वह धरना देते रही, धीरे-धीरे उसके सहपाठी और मित्र भी हर शुक्रवार को  उसके साथ धरने पर बैठने लगे. इस तरह आहिस्ते-आहिस्ते एक 15 वर्षीय बच्ची के पर्यावरण संरक्षण के लिये जिद करो दुनिया बदलो की वजह से फ्राइडे फॉर फ्यूचर मूवमेंट की शुरुआत हुई. जो क्लाइमेट स्ट्राइक के रूप में आज विश्व के 139 देशों में स्कूली विद्यार्थियों के दम पर फैल गई है.

आज की रैली में लीड फॉउंडेशन के श्रुति ओझा, पवन सक्सेना, मयंक जैन, भास्कर साहू, अन्यतम शुक्ला, विनीत भोजवानी, अंकित जैन, अमन नवलानी सहित सैकड़ों साथियों ने पर्यावरण बचाओ रैली कर आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई.