मुकेश सेन, टीकमगढ़। आज 21वीं सदी में भी कुछ ग्रामीण इलाकों में पिछड़ी जनजाति के लोग रीति-रिवाज से शादी नहीं कर पाते हैं। ऐसा करने पर उन्हें प्रताड़ित कर धमकियां दी जाती है। इसी से जुड़ा एक मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से, जहां एक दलित परिवार के युवक को घोड़ी चढ़ाने और रस्म अदा करवाने के लिए पुलिस को आना पड़ा। जिसके बाद दूल्हे ने रस्म अदा की और पूरे गांव घूमा।
दलित परिवार में निभानी पड़ती है राछ रस्म
दरअसल, टीकमगढ़ के हटा गांव में बीते रोज एक दलित परिवार में विवाह था। यहां दूल्हे को रछवाई (राछ) फिरना होता था, जिसमें वह शादी से पहले घोड़ी पर बैठकर पूरे गांव में घूमता है। इसके बाद उसके रिश्तेदार और समाज के लोग टीका कर उसे सम्मान स्वरूप रुपए और उपहार देते हैं। लेकिन बुंदेलखंड में सामंतशाही के चलते आज भी ग्रामीण अंचलों में दलित समाज के लोग विवाह में घोड़ी पर चढ़कर गांव में नहीं घूम सकते हैं।
पुलिस की मौजूदगी में घोड़ी पर चढ़कर गांव में घूमा दूल्हा
किसी तरह के विवाद से बचने और रस्म पूरी करवाने के लिए दूल्हे के परिवार ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी। आवेदन मिलने पर पुलिस के अधिकारियों ने पहले गांव में जाकर लोगों को समझाइश दी। साथ ही रस्म अदायगी के दिन कोई घटना न घटित हो जाए, इसलिये दूल्हे को पूरी सुरक्षा देते हुए एक सब इंस्पेक्टर सहित 6 से ज्यादा पुलिस वाले तैनात किए थे। जिनकी मौजूदगी में दूल्हा घोड़ी में बैठकर पूरे गांव में शान से घूमा और बिना किसी विवाद राछ की रस्म पूरी हो सकी।
पहले हो चुका है विवाद
गांव में पूर्व में दलित दूल्हे के घोड़ी पर बैठकर इस प्रकार की रस्म निभाने पर विवाद हो चुका था। जिसमे गांव के सामंती प्रवृत्ति के लोगों ने आपत्ति जताई थी। जिससे भयभीत जितेन्द्र अहिरवार ने घटना से सबक लेते हुए अपने विवाह में राछ फिरने की रस्म अदा होने के पहले ही बल्देवगढ़ थाने में एक आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की थी।
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