रोहित कश्यप,मुंगेली। जिले में समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत गंभीर वित्तीय लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। शासन द्वारा शिक्षा सत्र 2025–26 के लिए भेजी गई ₹1.24 करोड़ की आहरण सीमा राशि जिला स्तर पर समय-सीमा में संबंधित संस्थाओं को हस्तांतरित नहीं की गई। परिणामस्वरूप, राज्य परियोजना कार्यालय रायपुर द्वारा उक्त राशि वापस ले ली गई। इस चूक के चलते जिले के बी.आर.सी.,के.जी.बी.व्ही. और स्कूलों में संचालन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। बी.आर.सी. एवं के.जी.बी.व्ही. में कार्यरत कर्मचारियों को अप्रैल, मई और जून माह का वेतन नहीं मिल पाया, जिससे वे गंभीर आर्थिक संकट का सआवासीय विद्यालयों की अधीक्षिकाएं छात्राओं को भोजन, बिजली, स्टेशनरी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दे पा रही हैं। कई स्कूलों को शैक्षणिक सत्र के प्रारंभ में मिलने वाला शाला अनुदान तक जारी नहीं हो सका, जिससे विद्यालय संचालन और पढ़ाई बाधित हो गई है।


इस लापरवाही के लिए कलेक्टर एवं पदेन जिला मिशन संचालक समग्र शिक्षा, मुंगेली द्वारा तत्कालीन डीएमसी (वतर्मान एडीपीओ) अजय नाथ और जिला शिक्षा अधिकारी सी.के. घृतलहरे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दोनों अधिकारियों से तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया है। समय पर जवाब नहीं मिलने अथवा जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।
आखिर क्यों हुई ऐसी स्थिति निर्मित
के.जी.बी.व्ही सरगांव, के.जी.बी.व्ही शारधा, के.जी.बी.व्ही चातरखार. छात्रावास की अधिक्षिकाएं आहरण सीमा प्राप्त नहीं होने से छात्राओं के लिए मूलभूत आवश्यकताएं भोजन, प्रशाधन, स्टेशनरी, विद्युत व्यय इत्यादि की व्यवस्था नहीं कर पा रही है। सत्र के प्रारंभ में मिलने वाली शाला अनुदान की आहरण सीमा कई विद्यालय को जारी नहीं होने से स्कुल प्रबंधन मे संस्था प्रमुखों की कठिनाईओं का सामना करना पड रहा है एव संस्था का संचालन भी बाधित हो रही है।
सूत्रों के अनुसार, कलेक्टर द्वारा कई नस्तियों को समय पर अनुमोदित किया जा चुका था, लेकिन अधिकारियों ने फंड जारी करने में जानबूझकर देरी या लापरवाही बरती। इससे न केवल शासन की योजनाएं बाधित हुईं, बल्कि जिले की छवि को भी नुकसान पहुंचा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उच्चस्तरीय अधिकारी इस मामले में कौन-सा सख्त कदम उठाते हैं और क्या जिला प्रशासन भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकने के लिए कोई स्थायी तंत्र तैयार करता है।