सुशील सलाम, कांकेर. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां स्कूल की छुट्टी के बाद शिक्षकों और चपरासी की लापरवाही के कारण कक्षा पहली की छात्रा को कक्षा में ही बंद कर दिया गया। बच्ची जब घर नहीं पहुंची तो परिजनों ढूंढते हुए स्कूल पहुंचे, जहां बच्ची की रोने की आवाज आने पर स्कूल का ताला खोलकर बाहर निकाला गया। पूरा मामला आत्मानंद प्राथमिक शाला हरणगढ़ का है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पीवी-8 निवासी गुंजन मंडल रोजाना बस से स्कूल आती-जाती थी, लेकिन सोमवार को जब वह स्कूल बस से घर नहीं पहुंची तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। उन्होंने खोजबीन शुरू की और शाम करीब पांच बजे स्कूल पहुंचे। वहां उन्हें स्कूल भवन के अंदर से बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी। इसकी सूचना पर स्कूल की शिक्षिका और चपरासी पहुंचे, जिन्होंने ताला खोलकर बच्ची को बाहर निकाला।



प्राचार्य ने परिजनों से लापरवाही के लिए मांगी माफी
बताया जा रहा कि छुट्टी के समय बच्ची कक्षा में सो गई थी, जिस पर किसी शिक्षक या चपरासी ने ध्यान नहीं दिया और कमरे में ताला लगाकर स्कूल बंद कर दिया। प्रधानपाठिका दिक्षिका साहू ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने तुरंत चपरासी को फोन कर ताला खुलवाया और बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला गया। वहीं परिजनों ने कहा कि यदि बच्ची बेहोश हो जाती या किसी अनहोनी का शिकार हो जाती तो इसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल की होती। इस घटना से ग्रामीणों और परिजनों में शिक्षकों के प्रति भारी नाराजगी है। घटना की सूचना मिलते ही स्कूल के प्राचार्य मौके पर पहुंचे और परिजनों से इस गंभीर लापरवाही के लिए माफी मांगी।

