मोसीम तड़वी, बुरहानपुर। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की गुटबाजी (Groupism in MP Congress) अब सड़कों पर भी दिखने लगी है। तमाम प्रयासों के बाद भी नेताओं में एका नहीं हो पा रहा है। पार्टी के कार्यक्रम में गुट विशेष के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अलग अलग नजर आते हैं। कई नेता कांग्रेस में होने के बाद भी पार्टी के अन्य नेताओं के चेहरा देखना भी पसंद नहीं करते हैं।

ताजा मामला कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat jodo yatra) की श्रीनगर में झंडा फहरा (Flage) कर समापन का है। यात्रा के समापन पर शहर में अलग अलग कार्यक्रम आयोजित हुए है। इसी कड़ी में जहां शहर कांग्रेस संगठन ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तो युवक कांग्रेस ने शहर में रैली निकाली। बताया जाता है कि युवक कांग्रेस की रैली संगठन के पदाधिकारी शामल नहीं हुए, वहीं यूथ कांग्रेस की रैली में नवनियुक्त जिलाध्यक्ष रिंकू टॉक ने दूरी बना ली। लोगों का मानना है कि कांग्रेस की गुटबाजी आगामी विस और लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।

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बता दें कि- 2018 के विधानसभा चुनाव और लोक सभा चुनाव में भी कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी के चलते हार का सामना करना पड़ा था। बताया जाता है कि हाल ही में कांग्रेस के पदों में हुए फेरबदल के बाद कार्यकर्ता गुट विशेष में बंट गए है। शहर के चौक चौराहों पर लगे होर्डिंग और बैनर पोस्टर पर नेताओं के फोटो गायब है। कार्यकर्ताओं ने अपने अपने नेताओं के फोटो बैनर-पोस्टर में लगा रखे हैं।

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