तपती गर्मी में सब्जियां उगाना आसान नहीं है, ऐसे सीजन में कृषि विशेषज्ञों की राय है कि ऐसी सब्जियां उगाई जाए जो कम पानी सोखती हो और अधिक तापमान में खराब न हो और आपकी कमाई का शानदार जरिया बन जाए.. आइए जानते है उन फसलों के बारे में…..

मिल्की मशरुम

गर्मी के मौसम में मिल्की या दूधिया मशरूम की खेती आसानी से की जा सकती है. क्योंकि ऊंचे तापमान में इसकी अच्छी पैदावार होती है. अगर आप व्यायवसायिक रूप से इसकी खेती करना चाहते है तो इन दिनों के लिए ये बेस्ट फसल है. मिल्की मशरूम को कैलोसाइबी इंडिका भी कहा जाता है. इसके फैलाव के लिए 28-38 डिग्री सेल्सियस तापमान और नमी 80 से 90 प्रतिशत आवश्यक होता है.

इन सामग्री से घर पर उगाइए दूधिया मशरूम

दूधिया मशरूम के उत्पादन के लिए स्पॉन यानी बीज, भूसा/कुटी, हाइड्रोमीटर, स्प्रेइंग मशीन, वजन नापने वाली मशीन, कुट्टी काटने वाली मशीन, प्लास्टिक ड्रम एवं शीट, वेबिस्टीन एवं फॉर्मलीन, पीपी बैग और रबड़ बैंड इत्यादि की जरूरत पड़ती है. इसके साथ इसके लिए अंधेरे कमरा चाहिए होता है.

दूधिया मशरुम उगाने के लिए सबसे पहले भूसा तैयार करें

  • किसी भी ड्रम या गहरें बर्तन में 90 लीटर पानी में 10 किलो ग्राम भूसा भिगा दें
  • एक बाल्टी में 10 लीटर पानी लें और उसमें 10 ग्राम वेबिस्टीन व 5 मिली फार्मलीन मिलाएं.
  • इस घोल को ड्रम में भिगोए गए भूसा में मिला दे.
  • ड्रम को पॉलीथीन से ढककर उस पर कोई वजनी सामान रख दें
  • 12 से 16 घंटे बाद ड्रम से भूसा को बाहर निकाल कर फर्श पर फैला दें ताकि अतिरिक्त पानी निकल जाए.
  • आपका भूसा दूधिया मशरूम की खेती के लिए तैयार है.
बड़ी संख्या में किसान मशरूम का उत्पादन कर बना सकते है मोटी कमाई

अब बुआई की बारी

  • 16 सेंटी मीटर चौड़ा और 20 सेंटी मीटर ऊंचा पीपी बैग में पहले तैयार किया भूसा डालें
  • बुआई के लिए 1Kg भूसा में 40 से 50 ग्राम बीज डाल सकते है.
  • बीज डालने के बाद इसे उपचारित भूसा डालकर ढक दें.
  • यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद आप पीपी बैग को कसकर बांधे और अंधेरे कमरे में रखें
  • ध्यान रखें कि 2 से 3 सप्ताह तक तापमान 28-38 डिग्री तक रहे और 80-90 प्रतिशत नमी रहें
  • एक पीपी बैग में दो तीन सतह बुआई की जा सकती है.

ऊपज की कटाई का समय

15-20 दिन बाद आप देखेंगे कि आपका बैग कवक जाल से भर गया होगा. इसके बाद आप इस पर केसिंग कर दें. केसिंग के लिए पुराना गोबर सबसे उपयुक्त माना जाता है. केसिंग प्रक्रिया के बाद देखरेख करना जरूरी हो जाता है. नमी बनाए रखने के लिए पानी का छिड़काव भी करते रहे. इसके 3-4 दिन बाद मशरूम का छत्ता जब 5 से 7 सेंटी मीटर हो जाए तो इसे तोड़ लें.

बाजार में दूधिया मशरुम की कीमत

बाजार में दूधिया मशरुम की बिक्री 200 से लेकर 400 रुपए प्रति किलो के भाव पर होती है. 1Kg उपचारित भूसा से एक किलो ग्राम ताजा दूधिया मशरूम प्राप्त हो जाता है. अच्छी पैदावार के प्रति किलो ग्राम 20 से 25 रुपए खर्च आता है. इस तरह किसान मिल्की मशरूम की खेती से काफी मुनाफा कमा सकते है.

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