पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद. प्रदेश में इन दिनों बेहद गर्मी पड़ रही है. गरियाबंद जिले में भी गर्मी का मौसम शुरु होते ही गांवों में पानी की किल्लत बढ़ गई है. ग्रामीणों को पानी के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही, ऐसे में लोगों को पिछले एक महीने से झिरिया का पानी पीने को मजबूर है.

पानी की सबसे ज्यादा किल्लत जिले के मैनपुर और देवभोग विकासखंड के 100 से ज्यादा गांवों में देखने को मिल रही है. हैंडपंपों से पानी निकलना बंद हो गया है और जो हैंडपंप चालू है उनकी धार भी लगातार पतली होती जा रही है. जिसके चलते ग्रामीणों को पेयजल और निस्तारी के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

हाल ही का यह मामला देवभोग विकासखंड के निष्ठीगुडा पंचायत का है. जहां ग्रामीण झिरिया का पानी पीने पर मजबूर हो रहे है. ऐसा नहीं है कि निष्ठीगुडा में शासन द्वारा इस समस्या से निपटने के लिए कोई पहल नहीं की है, मगर शासन द्वारा अब तक की गई सारी तैयारियां नाकाफी साबित हो रही है. लगभग 1300 की आबादी वाले इस गांव में 8 हैंडपंप है. जिनमें से कुछ सुख गए है और कुछ का पानी पीने लायक नहीं है. महज एक हैंडपंप से ही पानी निकल रहा है. वह भी कुछ देर चलने के बाद बंद हो जाता है.

गांव में नल जल योजना लागू है, मगर लो वॉल्टेज के कारण वह भी बंद पड़ी है. मतलब ग्रामीणों के पास झिरिया का पानी पीने के सिवाय और कोई चारा नहीं है. ग्रामीण एक महीने से झेरिया का पानी पीने पर मजबूर हो रहे है.

देवभोग एसडीएम निर्भय साहू का कहना है कि स्वच्छ पेयजल सुविधा करवाना हमारी प्राथमिकता है. मैंने पीएचई एसडीओ को निर्देशित किया है. वहां जाकर तत्काल व्यवस्था दुरुस्त करें. अधूरे पड़े नल जल योजना की भी जानकारी मांगी गई है.