दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में दिल्ली वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया. उन्होंने बताया कि इस विधेयक के माध्यम से सरकार कर प्रणाली को सरल बनाने, अनुपालन को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में व्यापारियों तथा करदाताओं को ठोस राहत प्रदान करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराती है.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जानकारी दी कि इस संशोधन विधेयक के माध्यम से दिल्ली GST अधिनियम को केंद्र सरकार द्वारा लागू केंद्रीय GST अधिनियम में किए गए परिवर्तनों के अनुरूप बनाया गया है, जिससे देशभर में कर नियमों में एकरूपता स्थापित हो सके. उन्होंने बताया कि यह विधेयक करदाताओं के लिए पारदर्शिता, सरलता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. हमारा लक्ष्य कारोबारी विश्वास को बढ़ाना और राजस्व प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाना है.

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2 प्रमुख विधायी पैकेजों से पेश हुआ बिल

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह संशोधन दो मुख्य विधायी पैकेजों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है. पहले पैकेज में जुलाई 2023, अक्टूबर 2023 और जून 2024 में आयोजित GST परिषद की बैठकों में स्वीकृत 45 संशोधनों को शामिल किया गया है. इनमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करने की समय सीमा बढ़ाना, पंजीकरण और रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाना, GST अपीलीय अधिकरण (Tribunal) की स्थापना करना, और ब्याज तथा जुर्माने पर राहत के लिए एक एमनेस्टी स्कीम की शुरुआत शामिल है.

दूसरे पैकेज में दिसंबर 2024 में आयोजित 55वीं GST परिषद की बैठक में स्वीकृत 14 संशोधनों को शामिल किया गया है, जिनका मुख्य उद्देश्य प्रवर्तन को सुदृढ़ करना और प्रक्रियाओं में स्पष्टता लाना है. इनमें ट्रैक-एंड-ट्रेस प्रणाली में गैर-अनुपालन के लिए दंड, ISD क्रेडिट वितरण की स्पष्टता, और नगरपालिका निधियों की प्रकृति के साथ-साथ अपील की प्रक्रिया को सरल बनाना शामिल है.

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कई समस्याओं का निदान करेगा विधेयक

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह विधेयक कई समस्याओं का समाधान करेगा. सभी संशोधनों के तहत करदाताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए अधिक समय मिलेगा, और अपील दाखिल करने के लिए पूर्व-डिपॉजिट की राशि को 10% से घटाकर 7% किया गया है, जिससे विवाद निपटान में सुधार होगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि गुटखा निर्माण जैसे क्षेत्रों में मशीन ट्रैकिंग जैसे प्रवर्तन उपाय लागू किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले गुटखा बनाने वाली कंपनियों के उत्पादन और बिक्री का कोई सटीक रिकॉर्ड नहीं होता था. अब प्रत्येक पैकेट पर यूनिक कोड और मशीन ट्रैकिंग के माध्यम से पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जीएसटी एमनेस्टी स्कीम के तहत दिल्ली को 31 मार्च 2025 तक 218 करोड़ रुपए की वसूली प्राप्त हुई है, जो इन सुधारों के प्रति करदाताओं की सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाता है.

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दिल्ली की पूर्व वित्त मंत्री आतिशी पर कटाक्ष

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा में चर्चा के दौरान पूर्व वित्त मंत्री आतिशी पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि आतिशी उन संशोधनों पर सवाल उठा रही हैं, जिनकी बैठक में उन्होंने भाग नहीं लिया. यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिनके हाथों में दिल्ली की वित्तीय जिम्मेदारी थी, वे महत्वपूर्ण बैठकों से अनुपस्थित रहीं.

मुख्यमंत्री ने बताया कि आतिशी न केवल 55वीं GST परिषद की बैठक में अनुपस्थित रहीं, बल्कि उन्होंने पूर्व की कई बैठकों में भी भाग नहीं लिया. उन्होंने यह भी कहा कि यदि पूर्ववर्ती सरकार संस्थागत प्रक्रियाओं का सम्मान करती, तो दिल्ली को अधिक लाभ मिल सकता था.

नई सरकार के तहत दिल्ली का मजबूत कर प्रदर्शन

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि नई सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में GST और वैट वसूली में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीनों में 15,535 करोड़ रुपए की वसूली हुई, जबकि पिछले प्रशासन के दौरान इसी अवधि में यह आंकड़ा 14,500 करोड़ रुपए था. उन्होंने कहा कि केवल पांच महीनों में 7% की वृद्धि इस बात का संकेत है कि सुधार प्रभावी हैं और दिल्ली की जनता पारदर्शी शासन में विश्वास व्यक्त कर रही है.

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दिल्ली की राजकोषीय भूमिका पर स्पष्टीकरण

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली की राजस्व स्थिति पर जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली एक केंद्रशासित प्रदेश है. उन्होंने स्पष्ट किया कि आयकर, सीमा शुल्क और कॉर्पोरेट टैक्स केंद्र सरकार के अधीन आते हैं, जबकि दिल्ली सरकार जीएसटी, वैट, उत्पाद शुल्क और स्टांप ड्यूटी के लिए उत्तरदायी है.

उन्होंने केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के वेतन, पेंशन, मेट्रो संचालन और शहरी विकास की कई योजनाओं का खर्च केंद्र सरकार द्वारा उठाया जाता है. लगभग 6,000 करोड़ रुपए की पेंशन, मेट्रो रेल और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए केंद्र सरकार का योगदान आवश्यक है, बिना इसके दिल्ली का संचालन संभव नहीं है.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजस्व विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि उसने जटिल सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू किया है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनके नेतृत्व में दिल्ली सरकार एक ऐसा कर तंत्र विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो सुशासन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है.