रायपुर. व्यापारियों से कर की वसूली करने वाला विभाग ही दूसरों को जबरिया पैसा देता नजर आ रहा है. बात हो रही है राज्य जीएसटी विभाग की जिसने अपना भवन होने के बाद भी लाखों रुपए किराए पर राजधानी के बीचो-बीच भवन किराए पर लेकर कार्यालय संचालित कर रहा है. मामला मंत्री के पास पहुंच गया है, जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों से जवाब मांगा है.

बता दें कि छह महीने पहले ही नया रायपुर में नया जीएसटी भवन बनाया गया है, जिसके बाद राजधानी के सिविल लाइन स्थित वाणिज्यिक कर मुख्यालय को शिफ्ट किया गया था. इसके साथ ही उम्मीद जताई जा रही थी कि रायपुर संभाग-2 के अंतर्गत सर्किल 6, 7, 8, 9 का कार्यालय किराए के भवन से सिविल लाइन स्थित भवन में शिफ्ट किया जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं बल्कि सिविल लाइन स्थित भवन में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी चुनाव आयोग के दफ्तर को शिफ्ट कर दिया गया, जिसमें गिनती के अधिकारी-कर्मचारी काम करते हैं.

अब जब राज्य में नवगठित भूपेश बघेल की सरकार जहां फिजूलखर्ची रोकते हुए मितव्ययता बरतने की बात कही जा रही है तो फिर आखिर राज्य वाणिज्यिक कर विभाग अपने भवन में शिफ्ट होने की बजाए 6 लाख प्रतिमाह किराए वाले भवन में क्यों कार्यालय संचालित कर रहा है. लगता है कि मुख्यमंत्री का संदेश अधिकारियों तक नहीं पहुंचा है, या फिर कमीशन का कुछ ऐसा खेल है, जिसकी वजह से वे इस दिशा में गंभीर नहीं है. वजह चाहे जो भी हो विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली कई सवालों को जन्म दे रही है.