दिसंबर महीनें की पहली तारीख को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. नवंबर 2024 में भारत का GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) कलेक्शन 8.5ः बढ़कर 1.82 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. सरकार द्वारा जारी आकंड़ो के अनुसार नवंबर के इस कलेक्शन ने अप्रैल से नवंबर तक के कुल जीएसटी कलेक्शन को 14.57 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है. बढ़ते जीएसटी कलेक्शन का मतलब है भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और आर्थिक गतिविधियों में तेज होगी. साथ ही सरकार को विकास कार्यों में अधिक निवेश का मौका देता है. इससे सड़क, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं को सुधारने में मदद मिल सकती है

अप्रेल में 2 लाख करोड़ के पार निकला था कलेक्शन
इस साल अप्रेल में सबसे ज्यादा रिकार्ड जीएसटी कलेक्शन हुआ था जो करीब 2.10 लाख करोड़ रूपये था, यह पहली बार था जब जीएसटी कलेक्शन 2 लाख करोड़ के पार निकला था, इससे बाद अक्टूबर 2024 में भी जीएसटी कलेक्शन में 9ः की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. अक्टूबर का कुल कलेक्शन 1.87 लाख करोड़ रुपये था, जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन था. इसमें घरेलू बिक्री में तेजी और बेहतर अनुपालन का अहम योगदान रहा.

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अक्टूबर का जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा
केंद्रीय जीएसटी (CGST) रू ₹33,821 करोड़
राज्य जीएसटी (SGST) रू ₹41,864 करोड़
एकीकृत जीएसटी (IGST) रू ₹99,111 करोड़
सेस रू ₹12,550 करोड़

बढ़े हुए जीएसटी कलेक्शन से सरकार को विकास कार्यों में अधिक निवेश का मौका देता है. इससे सड़क, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसी बुनियादी ढांचे को सुधारने में मदद मिल सकती है. इसके अलावा, उच्च जीएसटी संग्रह यह बताता है कि अर्थव्यवस्था में मांग और खपत बढ़ रही है. यह कंपनियों की बिक्री और सेवाओं में हो रही वृद्धि को दर्शाता है. हालांकि, बढ़ता हुआ जीएसटी कलेक्शन महंगाई की ओर भी इशारा करता है. अक्सर देखा जाता है कि कंपनियां टैक्स का बोझ उपभोक्ताओं पर डाल देती हैं, जिससे मांग बढ़ने पर कीमतें बढा दी जाती हैं.

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21 को जीएसटी परिषद की बैठक, लिए जा सकते है बड़े निर्णय
21 दिसंबर को जैसलमेर में जीएसटी परिषद की बैठक है जिसमें हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी को हटाने या दरों को कम करने पर चर्चा हो सकती है इसके अलावा, रोजमर्रा की कई वस्तुओं पर जीएसटी दर को 12ः से घटाकर 5ः करने का प्रस्ताव बड़े निर्णय लिए जा सकते है. हाल ही में जीएसटी परिषद के मंत्री समूह ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी हटाने और अन्य दरों में बदलाव पर अपनी रिपोर्ट सौंपी है.

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