ST collection in November: जीएसटी कलेक्शन में मजबूती का सिलसिला जारी है. इस साल नवंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 1,67,929 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल नवंबर से 15 फीसदी ज्यादा है. चालू वित्त वर्ष 2023-24 के आठ महीनों (अप्रैल-नवंबर) में जीएसटी कलेक्शन छह बार 1.60 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हुआ. इस साल अक्टूबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा.

1.87 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन

चालू वित्त वर्ष के अप्रैल में 1.87 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन हुआ. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर में जीएसटी कलेक्शन 13,32,440 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष 2022-23 से 11.9 फीसदी ज्यादा है. पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल-नवंबर में 11,90,920 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ था. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर के जीएसटी कलेक्शन में सीजीएसटी के मद में 30,420 करोड़ रुपये जुटाए गए.

ये एसजीएसटी और आईजीएसटी के आंकड़े हैं

एसजीएसटी के तहत 38,226 करोड़ रुपये और आईजीएसटी के तहत 87,009 करोड़ रुपये एकत्र किये गये. इस दौरान सेस के तौर पर 12,274 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए. अर्थव्यवस्था में तेजी से हो रही बढ़ोतरी से जीएसटी कलेक्शन को भी सपोर्ट मिल रहा है क्योंकि मांग बढ़ने पर ही वस्तुओं की बिक्री बढ़ती है और वस्तुओं की बिक्री पर ही जीएसटी वसूला जाता है।

पीएमआई भी बढ़ा

वहीं, मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) नवंबर में बढ़कर 56 पर पहुंच गया, जो मैन्युफैक्चरिंग में तेजी को दर्शाता है। पिछले अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 55.5 था. जब पीएमआई 50 से अधिक होता है, तो इसे सकारात्मक माना जाता है और इसका मतलब है कि विनिर्माण का विस्तार हो रहा है।

विनिर्माण उद्योग का प्रमुख योगदान

एसएंडपी द्वारा जारी पीएमआई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियां घरेलू और विदेशी दोनों स्तर पर कारोबार हासिल करने में सफल होती दिख रही हैं, जिसके कारण नवंबर में भी विनिर्माण उद्योग का प्रदर्शन मजबूत रहा। विनिर्माण में मजबूती से रोजगार को भी समर्थन मिलता है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में मैन्युफैक्चरिंग में 13.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पिछले महीने से वस्तुओं का निर्यात भी बढ़ना शुरू हो गया है, जिससे विनिर्माण को और बढ़ावा मिलेगा।