GST Collection News: जीएसटी संग्रह के लिहाज से देखें तो साल 2022-23 जैसे शुरू हुआ था, वैसे ही खत्म भी हो गया. वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में वस्तु एवं सेवा कर संग्रह में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान इसमें 22 प्रतिशत की बहुत अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है. वर्ष 2022-23 में जीएसटी संग्रह की कुल राशि 18.20 लाख करोड़ रुपए रही है, जो औसतन 1.51 लाख करोड़ रुपये प्रति माह है.

जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के वक्त केंद्र सरकार हर महीने 1.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली का लक्ष्य बना रही थी, जो अब पूरा हो रहा है. अगर मार्च, 2023 की बात करें तो सरकार को GST से 1,60,122 करोड़ रुपए की कमाई हुई है, जो इस साल की दूसरी सबसे बड़ी कमाई है. इससे ज्यादा वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल 2022 में 1,67,540 रुपए की कमाई हुई.

जीएसटी लागू होने के बाद महज दो महीने में कुल संग्रह राशि 1.60 लाख करोड़ रुपए को पार कर गई है. वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि “मार्च 2023 के लिए ग्रोस जीएसटी रेवेन्यू कलेक्शन 1,60,122 करोड़ है, जिसमें सेंट्रल जीएसटी 29,546 करोड़, स्टेट जीएसटी 37,314 करोड़, इंटीग्रेटेड जीएसटी 82,907 है (जिसमें आयातित माल संग्रह 42,503 करोड़ है) और सेस 10,355 करोड़ है.”

मालूम हो कि पिछले वित्त वर्ष में किन्हीं चार महीनों में जीएसटी की राशि 1.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक रही है. यह भी बताया गया है कि सीजीएसटी में 33,408 करोड़ रुपये और आईजीएसटी में 28,187 करोड़ रुपए की राशि राज्यों को उनके हिस्से के रूप में आवंटित की गई है. आयातित उत्पादों पर जीएसटी संग्रह में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह भी बताया गया है कि जीएसटी संग्रह में पिछली तीन लगातार तिमाहियों से वृद्धि देखी गई है.

राज्यवार जीएसटी संग्रह की स्थिति देखें तो यह संकेत है कि जिन राज्यों में कोरोना के बाद पर्यटकों की संख्या बढ़ी है, वहां भी जीएसटी संग्रह तेजी से बढ़ा है. जैसे गोवा में 33.33 फीसदी, अंडमान निकोबार में 38.88 फीसदी, लक्षद्वीप में 30.14 फीसदी, मिजोरम में 91.16 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 29.42 फीसदी. हालाँकि, इन राज्यों में एकत्रित कुल राशि का आकार छोटा है.

अगर बड़े राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र में 11.77 फीसदी, कर्नाटक में 18.40 फीसदी, तमिलनाडु में 15.24 फीसदी, तेलंगाना में 13.25 फीसदी, बिहार में 29.44 फीसदी, हरियाणा में 16.99 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 13.88 फीसदी है. हालांकि जीएसटी संग्रह के इन आंकड़ों को देखकर लगता है कि नए वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र द्वारा निर्धारित जीएसटी संग्रह में 12 फीसदी वृद्धि के लक्ष्य को हासिल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी.

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