GST Council Meeting Today: जीएसटी काउंसिल की बैठक आज से शुरू हो रही है। नई दिल्ली में आज से शुरू हो रही जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक पर देशभर की नजरें टिकी हैं। ये मीटिंग इसलिए खास मानी जा रही है क्योंकि इसमें जीएसटी के टैक्स स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव हो सकते हैं। सरकार इसमें चार टैक्स स्लैब को घटाकर दो करने का बड़ा फैसला ले सकती है। यह 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद का सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है।

जीएसटी काउंसिल की योजना के अनुसार, अब देश में केवल दो टैक्स स्लैब 5% और 18% ही लागू रहेंगे। मौजूदा 12% और 28% के स्लैब को समाप्त किया जा सकता है।

जीएसटी काउंसिल के पदेन सचिव (Ex-Officio Secretary) के द्वारा पिछले महीने जारी किए गए सर्कुलर में 3-4 सितंबर की बैठक के बारे में बारे में बताया गया था। वहीं रेवेन्यू सेक्रेटरी के नोटिस के अनुसार, इस बैठक से पहले 2 सितंबर को राज्यों और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श भी किया गया।

जहां एक ओर जीएसटी स्ट्रक्चर में बड़े सुधार की तैयारी है। वहीं दूसरी ओर राजस्व संग्रहण के आंकड़े भी उत्साहजनक है। अगस्त 2025 में जीएसटी कलेक्शन 1.86 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.5% अधिक है। यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि देश में टैक्स प्रणाली मजबूत हो रही है और इसके साथ ही आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी देखी जा रही है।

तंबाकू, सिगरेट जैसे उत्पादों के लिए 40% का अलग स्लैब

बैठक में एक खास प्रस्ताव यह भी है कि तंबाकू, सिगरेट, गुटखा और अन्य डीमेरिट (हानिकारक) उत्पादों के लिए अलग से 40% का एक अतिरिक्त टैक्स स्लैब तय किया जाए। इसे सिन टैक्स कहा जा रहा है, जिसका मकसद न केवल राजस्व बढ़ाना है, बल्कि इन उत्पादों की खपत को नियंत्रित करना भी है। लग्जरी कार, हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स और कुछ विशेष सेवाएं भी इस श्रेणी में आ सकती हैं। इससे मिलने वाले अतिरिक्त राजस्व का उपयोग सामाजिक कल्याण योजनाओं में किया जा सकता है।

इस बदलाव का आम लोगों पर पड़ेगा कैसा असर

वित्त और नीति विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी में यह संरचनात्मक बदलाव बाजार में खपत को बढ़ावा देगा। एक ओर जहां कारोबारी वर्ग को टैक्स अनुपालन में आसानी होगी। वहीं उपभोक्ताओं को भी कुछ उत्पाद सस्ते पड़ सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक जीएसटी से पहले भारत का टैक्स सिस्टम जटिल और बिखरा हुआ था। हर राज्य में अलग-अलग नियम थे। इससे व्यापार में रुकावटें आती थीं। जीएसटी ने पूरे देश को एक बाजार के रूप में जोड़ने का काम किया है। अब यह बदलाव उस दिशा में एक और मजबूत कदम होगा।

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