रायपुर। राज्य कर (जीएसटी) विभाग की समीक्षा बैठक आज नवा रायपुर में वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में वित्त सचिव मुकेश बंसल, आयुक्त राज्य कर पुष्पेन्द्र मीणा सहित विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में विभागीय कार्यों की प्रगति, राजस्व संग्रह, कर चोरी की रोकथाम और प्रशासनिक सुधारों की विस्तृत समीक्षा की गई।

वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद वर्ष 2022 तक राज्य को 14 प्रतिशत संरक्षित राजस्व में कमी की स्थिति में केंद्र से मुआवजा प्राप्त होता था। वर्तमान में राज्य की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ बनाना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अब सभी अधिकारियों को अपने कार्य प्रदर्शन के माध्यम से राजस्व वृद्धि की पूर्ण जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी 2.0 के तहत टैक्स दरों में की गई कमी का लाभ आम जनता तक पहुंचना चाहिए। साथ ही, राज्य के बाहर से बेस ऑयल मंगाकर बिना कर अदा किए बेचने वाले व्यापारियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वित्त मंत्री ने कहा कि कर चोरी रोकने के लिए संगठित और ठोस प्रयास आवश्यक हैं।

मंत्री चौधरी ने अधिकारियों को कार्य में पूर्ण पेशेवर दृष्टिकोण अपनाने, अनुशासन बनाए रखने तथा कार्यालय में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति और सीसीटीवी निगरानी प्रणाली का उपयोग अनिवार्य किया जाए। मंत्री चौधरी ने अन्य राज्यों विशेषकर महाराष्ट्र और गुजरात में लागू सफल कर प्रबंधन प्रणालियों का अध्ययन कर उन्हें छत्तीसगढ़ में लागू करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

बैठक में नए नियुक्त अधिकारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने तथा फर्जी या गैर-पंजीकृत (NGTP) फर्मों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। वित्त मंत्री ने कहा कि अधिकारी अपने कार्यों में दक्षता, विशेषज्ञता और पारदर्शिता लाएं तथा दैनिक कार्यों का सुव्यवस्थित रिकॉर्ड रखें।

वित्त मंत्री चौधरी ने सभी अधिकारियों से राज्य के राजस्व हित में निष्ठा, समर्पण और टीम भावना के साथ कार्य करते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित राजस्व लक्ष्यों की पूर्ण प्राप्ति सुनिश्चित करने निर्देशित किया।