प्रतीक चौहान. रायपुर. रायपुर रेलवे स्टेशन में वर्षों से संचालित मेसर्स सनशाइन कैटरर्स जीएसटी के नाम पर लंबा खेल कर रही है. सूत्र बताते है कि इसकी जानकारी रेलवे अधिकारियों को भी है. लेकिन फिर भी यहां रोजाना बिना जीएसटी नंबर के लाखों रुपए का कैश ट्रांजेक्शन हो रहा है, जिससे जीएसटी का नुकसान सरकार को हो रहा है.

 सूत्र बताते है कि कंपनी का बैंक अकाउंट भी पिछले कुछ महीनों से बंद है और एक वेंडर को कुछ पैसे का झांसा देकर लाखों रुपए का लेन-देन रोजाना हो रहा है. जबकि कंपनी बिना जीएसटी नंबर के यहां स्टॉल संचालित नहीं कर सकती है.

सूत्रों की माने तो मेसर्स सनशाइन कैटरर्स के 1 दर्जन से ज्यादा स्टॉल, फ्रूट ट्रॉली और फूड ट्रॉली संचालित है. इतना ही नहीं कंपनी की अन्य परिवार के सदस्यों के नाम से भी कई फर्म और कंपनिया पूरे भारतीय रेलवे में संचालित है.

लेकिन सवाल ये है कि बिना जीएसटी नंबर के रायपुर रेलवे स्टेशन में इतनी बड़ी संख्या में लेन-देन कैसा हो रहा है ? हैरानी की बात ये भी है कि जब जीएसटी नंबर एक्टीवेट नहीं है तो रेलवे ने यहां स्टॉल संचालित करने की अनुमति कैसे दे दी ?

जीएसटी अधिकारियों को है पूरे मामले की जानकारी

सूत्र बताते है कि इस पूरे मामले की जानकारी जीएसटी के कुछ अधिकारियों को भी है. लेकिन कभी इस फर्म के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसके पीछे की वजह भी बेहद खास बताई जाती है. राजधानी रायपुर की एक सबसे महंगी होटल इसी फर्म के भाईयों की है. जहां तमाम सेवा-सत्कार किए जाते है. यही कारण है कि मामला सुर्खियों में नहीं आता.

लॉकडाउन के समय दुकानें बंद थी. इसलिए हमने रिटर्न नहीं भरा था. जिसके कारण जीएसटी नंबर डिएक्टीवेट हो गया है. हमने जीएसटी डिपार्टमेंट में आवेदन किया है. उम्मीद है कि अगले एक महीने में जीएसटी नंबर पुनः एक्टीवेट हो जाएगा. (वेंडर के अकाउंट से बैंक में लेन-देन के सवाल पर उन्होंने कहा, ऐसा कुछ नहीं है.)

पलाश अग्रवाल, संचालक सन साइन कैटरर्स (मुंबई)