रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 127वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘GST बचत उत्सव को लेकर भी लोगों में काफी उत्साह है। इस बार त्योहारों के दौरान भी कुछ ऐसा ही सुखद माहौल देखने को मिला। बाजारों में स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी में जबरदस्त वृद्धि हुई है। मैंने अपने पत्र में खाद्य तेल की खपत में 10% की कमी करने का भी आग्रह किया था और लोगों ने इस पर भी काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।’ इसके अलावा उन्होंने अपने इस कार्यक्रम में कॉफी पर भी चर्चा की.

अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 127वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों का ध्यान ओडिशा के कोरापुट (Koraput) जिले की खास पहचान कोरापुट कॉफी पर ध्यान आकर्षित किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आप सभी चाय से मेरे जुड़ाव के बारे में जानते हैं, लेकिन आज मैंने सोचा, क्यों न मन की बात में कॉफी पर भी चर्चा की जाए। उन्होंने अपने मन की बात कार्यक्रम में इसकी खूब तारीफ की और इसके फायदे भी बताए. पीएम ने ये भी बताया कि कोरापुट कॉफी अपने अनोखे स्वाद और खुशबू के दम पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रही है. साथ ही इसकी खेती करने से मिलने वाले लाभों के बारे में भी बताया. इसी कड़ी में, आइए जानते हैं कि आखिर कोरापुट कॉफी क्या है, इसके फायदे क्या हैं, और इसकी खेती किस तरह से फायदा पहुंचा रही है.

गजब का स्वाद

पीएम मोदी अपने कार्यक्रम में बताते हैं कि कोरापुट कॉफी का स्वाद काफी गजब होता है. इतना ही नहीं स्वाद के साथ-साथ कॉफी की खेती भी लोगों को खूब फायदा पहुंचा रही है. कोरापुट में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने पैशन की वजह से कॉफी की खेती कर रहे हैं. पीएम बताते हैं कि वे लोग पहले कॉरपोरेट वर्ल्ड में अच्छी नौकरी करते थे लेकिन वे कॉफी को इतना पसंद करते हैं कि अब इस फील्ड में आ गए और सफलता से इसमें काम कर रहे हैं.

क्या है कोरापुट कॉफी?

कोरापुट कॉफी ओडिशा के कोरापुट जिले में उगाई जाने वाली एक बहुत ही खास अरेबिका कॉफी है. इस कॉफी को जब आप पिएंगे तो आपको स्वाद में फल, चॉकलेट और मसालों की बेहतरीन खुशबू महसूस होगी. जानकारी के लिए बता दें कि इस कॉफी में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं और इसकी न्यूट्रिशनल वेल्यू भी काफी हाई होती है जिससे ये स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है.

राष्ट्रगीत वंदे मातरम का जिक्र

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत का राष्ट्रगीत वंदे मातरम है। एक ऐसा गीत जिसका पहला ही शब्द हमारे हृदय में भावनाओं का सैलाब जगा देता है। वंदे मातरम – इस एक शब्द में कितनी भावनाएं, कितनी ऊर्जाएं समाहित हैं। सरल शब्दों में, यह हमें मां भारती के मातृभाव का अनुभव कराता है। यह हमें मां भारती की संतान होने के नाते अपने कर्तव्यों का बोध कराता है। यदि कठिन समय आता है, तो वंदे मातरम का उद्घोष 140 करोड़ भारतीयों को एकता की ऊर्जा से भर देता है। देशभक्ति… मां भारती के लिए प्रेम… यदि यह शब्दों से परे एक भावना है, तो वंदे मातरम वह गीत है जो उस अमूर्त भावना को मूर्त रूप देता है। इसकी रचना बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने सदियों की दासता से कमजोर भारत में नवजीवन का संचार करने के लिए की थी। वंदे मातरम भले ही 19वीं शताब्दी में लिखा गया हो, लेकिन इसकी आत्मा भारत की उस अमर चेतना से जुड़ी है जो हजारों वर्षों से वर्ष पुराना।’

वंदे मातरम की रचना पर क्या कहा

पीएम मोदी ने कहा, ‘वेदों ने भारतीय सभ्यता की नींव इस भावना के साथ रखी कि पृथ्वी माता है और मैं उसकी संतान हूं। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने वंदे मातरम की रचना करके मातृभूमि और उसकी संतानों के बीच के इसी रिश्ते को भावनाओं के ब्रह्मांड में एक मंत्र के रूप में प्रतिष्ठित किया। 7 नवंबर को हम वंदे मातरम के उत्सव के 150वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। वंदे मातरम की रचना 150 वर्ष पहले हुई थी और 1896 में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे पहली बार गाया था।’

रिया नाम की डॉग को किया याद

मन की बात में नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘पिछले साल लखनऊ में ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट में रिया नाम की एक डॉग ने सबका ध्यान खींचा। यह BSF की ओर से प्रशिक्षित मुधोल हाउंड है। रिया ने कई विदेशी नस्लों को पीछे छोड़ते हुए वहां प्रथम पुरस्कार जीता। हमारे स्वदेशी कुत्तों ने भी अद्भुत साहस का परिचय दिया है। पिछले साल छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित इलाके में गश्त के दौरान CRPF के एक स्वदेशी कुत्ते ने 8 किलोग्राम विस्फोटक का पता लगाया था। मैं BSF और CRPF को इस दिशा में उनके प्रयासों के लिए बधाई देता हूं।’

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m