महासमुंद। चुनाव आते ही जीएसटी के कर्मचारियों के लिए उगाही का रास्ता खुल गया है. रायपुर से सामान लेकर आने वाले वाहनों को चौक में रोककर कर्मचारियों द्वारा जीएसटी बिल मांगा जा रहा है. मौके पर मालिकों के मौजूद नहीं रहने पर वाहनों को घंटों रोकने के साथ फोन के जरिए पैसों की मांग कर वाहन को छोड़ा जा रहा है.
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महासमुंद के एक व्यापारी ने बताया कि बीते दिनों उन्होंने रायपुर से तीन दर्जन कूलर मंगाया. चूंकि, कूलर एक सीजनल व्यापार है, इसलिए इसे छोटे-छोटे कार्यशाला में तैयार किया जाता है, जिस पर जीएसटी लगाया जाए तो 5 हजार रुपए का कूलर 7 हजार तक बेचना पड़ेगा. इसके बावजूद कूलर ला रहे वाहन को घोड़ारी चौक के पास जीएसटी कर्मियों द्वारा रोक दिया गया और छोड़ने के लिए लेनदेन की बात करने लगे.
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वहीं एक अन्य व्यापारी ने बताया कि उसके बाल्टी से भरे वाहन को रात दो बजे रोक दिया गया. जबकि, इन बाल्टियों को बाजार में बेचने नहीं बल्कि, गिफ्ट आयटम के तौर पर लाया जा रहा था. डेढ़ घंटे तक वाहन को रोकने के बाद बड़ी मुश्किल से छोड़ा गया. व्यापारियों ने बताया कि जीएसटी कर्मी चुनाव के बहाने उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है.
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अफसर ने दिया है आश्वासन
जिला चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष शंभू साहू ने बताया कि जीएसटी अफसर आशुतोष भोई के साथ चेंबर ऑफ कामर्स के सदस्यों की बैठक एक दिन पूर्व हुई है. जहां पर उनके द्वारा घोड़ारी चौक के अवैध उगाही और दुकानों के बोर्ड पर जीएसटी टिन नंबर अंकित नहीं किए जाने पर हजारों रुपए का जुर्माना नोटिस भेजने की शिकायत की गई. अफसर ने व्यापारियों को बेवजह परेशान नहीं करने आश्वस्त किया.
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अफसर ने कही पता लगाने की बात
इधर, जीएसटी अफसर आशुतोष भोई ने बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर व्यापारियों के साथ बैठक की गई है. व्यापारियों से प्राप्त शिकायतों का निराकरण कर दिया जाएगा. व्यापारियों को बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा. वहीं, चुनाव के कारण जिले की सीमा में तैनात कर्मियों द्वारा सामान लेकर आ रहे वाहनों को बेवजह रोकने तथा अवैध उगाही पर पता करने की बात अफसर ने की है.
लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही महासमुंद जिले से गुजरने वाली नेशनल हाईवे 53 पर घोडा़री में स्थैतिक निगरानी दल को वाहनों की जांच के लिए तैनात किया गया है, लेकिन यहां जांच के नाम पर व्यापारियों को को परेशान किया जा रहा है. दरअसल निगरानी दल के साथ स्टेट जीएसटी की टीम भी वाहनों की जांच कर रहे हैं और राजधानी रायपुर से व्यापारियों के आ रहे माल को रोक जा रहा है. जीएसटी बिल की आड़ में व्यापारियों को पैसे मांगे जा रहे हैं, जिसकी शिकायत व्यापारियों ने महासमुंद चैंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष शंभू साहू से शिकायत की है.
साहू का कहना है कि पिछले चुनाव के के दौरान भी ऐसे ही शिकायत मिली थी और अब लोकसभा चुनाव के नाम पर जीएसटी टीम व्यापारियों के माल को रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने बताया उन्हें कि व्यापारियों को जीएसटी बिल के नाम से परेशान किया जा रहा है. जीएसटी बिल नहीं होने पर उनसे पैसे मांगे जा रहे हैं. साहू ने कहा कि इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई है.
चुनाव अधिकारी के आदेश पर कार्रवाई की जा रही : राज्य कर अधिकारी
इस संबंध में राज्य कर अधिकारी नंदराम कुर्रे का कहना है कि ऐसा कोई भी उगाही नहीं की जा रही है. जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर जीएसटी की टीम को बैठाया गया है. छत्तीसगढ़ में जीएसटी के दायरे में 15 वस्तुएं आती है. 50 हजार से अधिक की सामग्री पर जीएसटी बिल का होना अनिवार्य है. अभी विभाग ने 7 से 8 मामलों में 13 से 14 लाख रुपए की रिकवरी की है. इस मामले में जीएसटी कमिश्नर आईएएस रजत बंसल ने कहा कि इस मामले में हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई है.
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