नई दिल्ली. जीएसटी काउंसिल की बैठक में शनिवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. सैनेटरी नैपकिन पर जीएसटी खत्म कर दिया है. पहले 12% लगता था. लेकिन अब सैनेटरी नैपकिन पर जीएटी शून्य कर दिया गया है. 28% स्लैब वाले कई उत्पादों पर भी रेट घटाया गया है. करीब 30 से ज्यादा उत्पादों पर जीएसटी घटाने की जानकारी है. बांस की फ्लोरिंग पर जीएसटी 18% से घटाकर 12% किया है. पेट्रोल-डीजल में इस्तेमाल होने वाले एथेनॉल पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया गया.
जीएसटी रिटर्न प्रक्रिया आसान बनाने पर भी फैसला हुआ है. कारोबारियों को राहत देते हुए सिंगल पेज रिटर्न को मंजूरी दी गई. अब महीने में तीन की जगह सिर्फ एक रिटर्न भरना होगा. सालाना पांच करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाले कारोबारी तिमाही रिटर्न भर सकेंगे. चीनी पर सेस लगाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ. सुगर सेस पर मंत्री समूह की अगली बैठक केरल में होगी. काउंसिल ने जीएसटी कानून में प्रस्तावित 46 बदलावों को मंजूरी दे दी है.
जानिए अब कितना मिलेगा फायदा
जीएसटी हटाने के बाद अब 100 रुपए वाले 10 सैनिटरी पैड का पैक 88 रुपए में मिलेगा. अगर वह सालाना 12 पैक्स का इस्तेमाल करती हैं तो उन्होंने 1200 रूपए के सैनिटरी पेड्स 1056 रूपए में मिलेंगे यानि की 144 रूपए की बचत.
18 फीसदी महिलाएं ही करती हैं सेनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल
एफओजीएसआई ने कहा है कि देश की सिर्फ 18 फीसदी महिलाएं और लड़कियां ही माहवारी के दौरान सेनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं जबकि 82 फीसदी महिलाएं आज भी पुराना कपड़ा, घास और यहां तक कि राख जैसे अस्वच्छ एवं असुरक्षित विकल्प अपनाती हैं.
क्यों उठी टैक्स फ्री करने की मांग
सैनिटरी पैड्स को टैक्स फ्री करने की मांग लंबे समय से उठ रही थी. क्योंकि गर्भनिरोधक और कंडोम्स को टैक्स फ्री किया गया था, तो इसे महिलाओं के स्वास्थ्य को देखते हुए इसे भी टैक्स फ्री किया जा सकता था.
इधर जीएसटी काउंसिल के इस फैसले का जेसीसीजे ने स्वागत किया है. युवा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष विनोद तिवारी ने कहा कि जेसीसीजे इस संबंध में लगातार अभियान और विरोध प्रदर्शन कर सरकार से इसे जीएसटी मुक्त करने की मांग की थी.