रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने आउटसोर्सिंग पर रोक लगा दी है जिसको लेकर हाल ही में खूब चर्चे हो रहे हैं.तो वहीं अतिथि व्याख्याता समूह  ने सरकार के इस निर्णय की खुलकर तारीफ की है. सरकार ने तय किया है कि गैर-जरूरी पदों पर विभागों में मन-मर्जी तरीके से नियुक्ति नहीं दी जाएगी. अतिथि व्याख्याताओं ने इसके साथ ही मूलनिवास प्रमाणपत्र भी अनिवार्य किए जाने की बात कही है.

अतिथि व्याख्याता लंबे समय से आउटसोर्सिंग बंद करने और नियमितीकरण के लिए चरणबद्ध आंदोलन कर रहा हैं. आउटसोर्सिंग बंद होने से छत्तीसगढ़ियों की प्रतिभाओं को पहला हक मिलेगा और स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. 27 जिलों में कार्यरत व्याख्याताओं के समूह ने इस निर्णय को न्यायपूर्ण कहते हुए हर्ष जताया है, तथा दैनिक वेतनभोगी होते हुए शीघ्र ही नियमितीकरण की मांग पूरी होने की संभावना जताई है.

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा की जाने वाली समस्त नियुक्तियों में मूलनिवास प्रमाणपत्र लागू होने से छत्तीसगढ़िया बेरोजगारों को बल मिलेगा. अतिथि व्याख्याताओं के चयन और नियुक्ति में भी आउसोर्सिंग बंद होने से गुणवत्ता में सुधार आएगा.

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