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कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश दुनिया के बड़े बिजनेसमैन शामिल होंगे। इस समिट से अब ग्वालियर का एक बेहद खास कनेक्शन जुड़ गया है, क्योंकि शामिल हों रहे सभी उद्योगपति ग्वालियर से जुड़ी एक विशेष यादें लेकर विदा होंगे।
दरसअल, भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आने वाले 70 बड़े देशी विदेशी मेहमानों को लेकर MP सरकार तैयार है। खासकर उनकी आगवानी के लिए खास तैयारियां की जा रही है, तो वहीं उनकी विदाई को यादगार बनाने एक खास नायाब तोहफा उन्हें दिया जाना है। अंबानी, अडानी, बिड़ला सहित देश विदेश के मेहमानों को सरकार की तरफ से PM मोदी की मौजूदगी में इंडियन मोनालिसा कहीं जाने वाली “शाल-भंजिका” की पत्थर की प्रतिकृति भेंट की जाएगी। जिसकी मंद मंद मुस्कान सभी मेहमानों के दिल में एमपी की छवि को हमेशा हमेशा के लिए अंकित कर देगी।
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अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकार कर रहे निर्माण
इन “शाल-भंजिकाओ” का निर्माण जोर शोर से चल रहा है। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा की 15 सदस्यीय टीम 7 दिन 24 घंटे काम कर 70 प्रतिकृतियों का निर्माण करने में जुटी हुई है। ग्वालियर के मोती महल परिसर स्थित रीजनल आर्ट एंड क्राफ्ट डिजाइन सेंटर में शाल-भंजिका का निर्माण किया जा रहा है। ग्वालियर मिंट स्टोन से 7 दिन में 7 इंच लंबी 70 प्रतिकृतियां बनाई जाएंगीं। ग्वालियर मिंट स्टोन की लाइफ लाइन 1000 वर्ष से ज्यादा समय तक रहती है।
इंडियन मोनालिसा के साथ ग्वालियर के नाम का प्रचार-प्रसार
अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा का कहना है कि शाल-भंजिका की प्रतिकृति को बनाना उनके साथ उनकी टीम के लिए एक बड़ी चुनौती भी है, क्योंकि इसके निर्माण में मुस्कान का खास ध्यान रखा जा रहा है। शाल-भंजिका के गले मे बूटे वाले हार और चेहरे में मंद मुस्कान इसे खास पहचान देती है। जिसके से बेहद बारीकी से काम हो रहा है। दीपक का यह भी कहना है कि उनके साथ ही पूरे ग्वालियर के लिए यह बड़े गौरव की बात है कि GIS में शामिल हो रहे सभी देशी-विदेशी मेहमानों को ग्वालियर की बनी “शाल भंजिका उपहार में दी जाएगी। इसके जरिये देश दुनिया की 70 जगहों पर सीधे इंडियन मोनालिसा के साथ ग्वालियर के नाम का प्रचार-प्रसार होगा।
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आइए आपको बताते है क्या है ‘शाल-भंजिका’?
- “शाल-भंजिका” की प्रतिमा ग्वालियर की गुजरी महल संग्रहालय में रखी है।
- ये ऐसी महिला की प्रतिमा है जो अपने शारीरिक सौंदर्य और मुस्कान की वजह से देश विदेश में सराही गई है।
- “शाल-भंजिका” की मूर्ति विदिशा के पास ग्यारसपुर गांव में खुदाई के दौरान मिली थी।
- पत्थर की मूर्ति होने पर भी उसके चेहरे पर मुस्कान को साफ देखा जा सकता है।
- चेहरे पर अद्वितीय मुस्कान के कारण इसे “इंडियन मोनालिसा” भी कहा जाता है।
- ये प्रतिमा 10 वीं शताब्दी की प्रतिमा है।
- पहले इस प्रतिमा को देश विदेश में प्रदर्शनियों में भेज जाता था, लेकिन सुरक्षा कारणों से इस मूर्ति को पिछले 15 साल से विदेश भेजने बंद कर दिया गया।
- आज भी यह प्रतिमा 24 घंटे की कड़ी सुरक्षा के घेरे में रहती है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिये मध्य प्रदेश को बड़े निवेश प्रस्ताव मिलने जा रहे है। ऐसे में शाल-भंजिका के जरिये विरासत और बड़े निवेश के जरिये विकास की नींव का खूबसूरत गठजोड़ बनाता हुआ नजर आएगा।
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