Gujarat: कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi) को गुजरात हाईकोर्ट (High Court) से बड़ा झटका लगा है. HC ने भड़काऊ वीडियो मामले में सांसद पर दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर लगाई गई याचिका खारिज कर दी. कांग्रेस (Congress) नेता प्रतापगढ़ी ने याचिका में दावा किया था कि FIR उन्हें परेशान करने के लिए किया गया है. उन्होंने याचिका में एफआईआर को दुर्भावनापूर्ण और गलत इरादे से दर्ज करना बताया.

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इमरान प्रतापगढ़ी पर भड़काऊ गाने के साथ वीडियो पोस्ट करने का आरोप है. बीतें 3 जनवरी को जामनगर शहर में आयोजित एक सामूहिक विवाह समारोह की पृष्ठभूमि में भड़काऊ गीत के साथ एक संपादित वीडियो पोस्ट करने के लिए प्रतापगढ़ी पर गुजरात के जामनगर में मामला दर्ज किया गया था.

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बता दें कि सोशल मीडिया एक्स पर प्रतापगढ़ी द्वारा अपलोड की गई 46 सेकंड की वीडियो क्लिप में जब वह हाथ हिलाते हुए चल रहे थे तो उन पर फूलों की वर्षा की जा रही थी और बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा था. गाने के बोल को लेकर आरोप है कि गाने के शब्द उत्तेजक, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं. 

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कांग्रेस नेता प्रतापगढ़ी पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और धारा 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल आरोप, दावे) के तहत मामला दर्ज किया गया था. प्रतापगढ़ी ने उन पर दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने याचिका में कहा कि एफआईआर को देखने से पता चलता है कि कुछ शब्दों को संदर्भ से बाहर किया जा रहा है.

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सांसद इमरान प्रतापगढ़ी की गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार (17 जनवरी) को उनकी याचिका खारिज कर दी. याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति संदीप भट्ट ने अपने फैसले में कहा, “चूंकि जांच बहुत प्रारंभिक चरण में है, इसलिए मुझे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 528 या भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करने का कोई कारण नजर नहीं आता. इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है.”

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