अहमदाबाद. लोकसभा चुनाव 2019 के लिए तैयारियां कर रहे हार्दिक पटेल को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ा झटका मिला है. दरअसल, हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल की एक दंगे के मामले में मिली सजा पर चुनाव तक रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. गौरतलब है कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने हाईकोर्ट में विसनगर दंगा मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी.

हार्दिक पटेल ने सौराष्ट्र की जामनगर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर आम चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी. पटेल 12 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए थे. वहीं, पाटीदार आरक्षण आंदोलन का गढ़ माने जाने वाले मेहसाणा में पाटीदार समाज पटेल के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर आक्रोशित है. समाज का कहना है कि हार्दिक पटेल ने पूरे पाटीदार समाज के साथ धोखा किया है.

गुजरात सरकार ने भी कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की हाईकोर्ट में दायर याचिका का विरोध किया था. सरकार ने तस्वीरों के रूप में मौजूद साक्ष्यों और दस्तावेज पेश किए, जिससे यह सिद्ध होता है कि घटना के दौरान वह वहां मौजूद थे. पटेल 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए थे. इसके तुरन्त बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले में विसनगर सत्र न्यायालय द्वारा अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी और अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा जाहिर किया था.

सत्र अदालत ने 2015 के मामले में उन्हें दो वर्ष कैद की सजा सुनाई थी. मामला 25 वर्षीय नेता के नेतृत्व में किए पाटीदार कोटा आंदोलन से जुड़ा है. नियमों के तहत यदि हाईकोर्ट द्वारा उनकी सजा पर रोक लगा दी जाती तो उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने दिया जा सकता था. हाईकोर्ट में विसनगर, पुलिस उपाधीक्षक मुकेश व्यास ने एक अन्य हलफनामे के साथ अतिरिक्त सामग्री वाले कुछ दस्तावेज जमा कराए. इसमें वे तस्वीरें भी शामिल हैं जिसमें हार्दिक पटेल घटना के समय मौके पर नजर आ रहे हैं.