रायपुर। रायपुर से लगे भनपुरी में बनने वाले होली कलर, होली गुलाल, कुमकुम के हर्बल उत्पाद की केवल छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों के लोगों की ही नहीं बल्कि फिल्मी कलाकारों की खास पसंद है. मानकों के अनुरूप पर्यावरण के अनुकूल बनाए गए श्री गणेशा ग्लोबल गुलाल में निर्मित श्री गणेशा ब्रांड नेम से तैयार होने वाले होली रंग और गुलाल मुम्बई में होली के अवसर पर होने वाली खास पार्टी में अपना रंग बिखेरते रहे हैं.

श्री गणेशा ग्लोबल गुलाल प्रा. लिमिटेड के डायरेक्टर उमंग गोयल बताते हैं कि गुणवत्ता के दम पर इन उत्पादों ने अपनी पहचान है. पैंतालीस साल पहले राजेश्वर शरण गोयल ने इस उद्योग की स्थापना की थी. उनके मार्गदर्शन में अब मैं और छोटे भाई अनुज गोयल इस कारोबार को संभाल रहे हैं. वे बताते हैं कि नेशनल बाटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की लम्बी रिसर्च और कड़ी मेहनत से तैयार की गई टेक्नालाजी से 2006 से हर्बल गुलाल और रंग फूल-वनस्पति का उपयोग कर रहे हैं.

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महिला समूहों को जोड़ने का प्रयास

उमंग बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में मिलने वाले फूलों के साथ ही देशभर से इकट्ठा किए गए फलों और वनस्पति से ये हर्बल उत्पाद तैयार होते हैं. इसमें खाने की चीजों में उपयोग में लाई जाने वाली नेचुरल खुशबू का समायोजन किया जाता है. वे कहते हैं कि हमारी इच्छा अब इस उद्योग से महिला स्व-समूह को जोड़ने की है. शासन की मदद मिले तो उन्हें जोड़कर इसका लाभ उन तक पहुंचाने का लक्ष्य है.

20 देशों को किया जाता है निर्यात

डायरेक्टर अनुज गोयल बताते हैं कि जर्मनी की आटोमेटिक मशीनरी से तैयार उत्पादों का बीस देशों को निर्यात भी किया जाता रहा है. कोरोना संकट के कारण फिलहाल निर्यात बंद है. यही नहीं इटेलियन लैब से कई उत्पादों को कास्मेटिक प्रोडक्ट का दर्जा भी दिया गया है. इन उत्पादों का परीक्षण किया जाता है, इसके बाद ही हम इन्हें लांच करते हैं. यही नहीं उत्पादों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए जरूरी नहीं होने के बाद भी एनटीसी टेस्ट करवाते हैं. 

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