शब्बीर अहमद, भोपाल/गुना। मध्य प्रदेश के गुना जिले में पारधी समुदाय के युवक देवा पारधी की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दो फरार पुलिस अधिकारियों की सूचना देने वाले पर 2-2 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद की गई है, जहां अदालत ने दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी में हो रही देरी पर नाराजगी जाहिर की थी।
यह थी पूरी घटना
यह मामला 14 जुलाई 2024 का है। गुना के बीलाखेड़ी गांव के रहने वाले 24 वर्षीय देवा पारधी की शादी अगले ही दिन होने वाली थी। बारात की तैयारियां जोरों पर थीं, लेकिन शाम करीब 4:30 बजे म्याना थाने की पुलिस गांव पहुंची। पुलिस ने देवा और उसके चाचा गंगाराम को एक चोरी के पुराने मामले में पूछताछ के बहाने हिरासत में ले लिया। परिवार का आरोप है कि देवा को बिना किसी ठोस सबूत के उठाया गया। रात होते-होते जिला अस्पताल से परिवार को सूचना मिली कि देवा का शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया है। अस्पताल पहुंचने पर खुलासा हुआ कि हिरासत में ही देवा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हिंसा के स्पष्ट निशान मिले, जो कस्टडी में यातना की ओर इशारा करते हैं।
इस घटना ने पूरे इलाके में आक्रोश फैला दिया। पारधी समुदाय की महिलाओं ने जिला अस्पताल और कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। देवा की चाची और होने वाली दुल्हन ने गुस्से में अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगाने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने किसी तरह रोका।
फरार आरोपी और इनाम की घोषणा
मौत के बाद म्याना थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी (TI) संजीत सिंह मवई और सहायक उप निरीक्षक (ASI) उत्तम सिंह कुशवाहा फरार हो गए। दोनों के खिलाफ कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। अब CBI ने इनकी गिरफ्तारी के लिए बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को एजेंसी ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि दोनों की लोकेशन की विश्वसनीय जानकारी देने वाले को 2-2 लाख रुपये का इनाम मिलेगा।CBI के एक अधिकारी ने बताया, “संजीत सिंह मवई और उत्तम सिंह कुशवाहा पर हिरासत में यातना और मौत का प्रमुख आरोप है। हम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं और जल्द ही इन्हें पकड़ लेंगे। यह घोषणा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की उस अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद आई है, जिसमें देवा की मां ने CBI की सुस्ती पर सवाल उठाए थे।
अब तक की जांच और गिरफ्तारियां
मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद CBI को सौंपी गई थी। एजेंसी ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है- उपनिरीक्षक (SI) देवराज सिंह परिहार: जुलाई 2025 में पहली गिरफ्तारी। वे देवा को हिरासत में लेने वाली टीम का हिस्सा थे।नगर निरीक्षक (TI) जुबैर खान: अगस्त 2025 में राघौगढ़ से हिरासत में लिया गया। उनका नाम पहले FIR में नहीं था, लेकिन जांच में नया मोड़ आया। एक अन्य निजी व्यक्ति: चोरी केस से जुड़ा सह-आरोपी।
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