सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व माना गया है. इससे पुण्यलाभ होता है. साथ ही जीवन खुशहाल रहता है. इससे शुभ फल की प्राप्ति भी होती है. साथ ही मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. लेकिन, कुछ लोग दान बताकर करते हैं. तो, कुछ ना बताक. इसलिए, जो दान गुप्त रखा जाए और करने के बाद किसी को बताया ना जाए उसे गुप्त दान (Gupt Daan) कहते हैं. इस दान को करने से पुण्य लाभ कई गुना तक बढ़ जाता है. ज्योतिष में कहा गया है कि दान जैसे शुभ कार्य करने से ग्रह दोष भी शांत होते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसी चीजें बताने जा रहे हैं जिनका दान करने से देवी-देवताओं की कृपा बरसती है.
भंडारा
किसी भूखे या जरूरत मंद को खाना खिलाना बहुत ही पुण्य का काम होता है. जो लोग गुप्त दान देने की इच्छा रखते हैं. उन्हें मंदिरों, अनाथालयों और गरीबों में खाना बनवाकर बांटना चाहिए. ऐसे लोगों को भोजन करवाने से देवी – देवता अति प्रसन्न होते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा सदैव आप पर बरसती रहती है. उनके आशीर्वाद से आपकी सोई किस्मत जाग जाती है.
सत्तू और गुड़ का दान
शास्त्रों में गुड़ के दान का विशेष महत्त्व बताया गया है. माना जाता है कि गर्मी में सत्तू और गुड़ का दान करने से लोगों को भूख से तो तृप्ति मिलती ही है. इसके अलावा उन्हें गर्मी से होने वाली बीमारियों के प्रभाव को भी कम करती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुड़ के दान से सुख समृद्धि आती है. इससे न केवल देवी- देवता ही प्रसन्न होते हैं, बल्कि पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
पानी का दान
जून का महीना चल रहा है. जिसकी वजह से गर्मी बहुत तेज पड़ रही है. इस समय लोगों को पानी की बहुत ज्यादा जरूरत होती है. ऐसे में पथिकों या राहगीरों को पानी पिलाना बहुत ही पुण्यदायक काम होता है. गुप्त दान के इच्छुक लोग जगह-जगह पर मटके रखवा सकते हैं. प्याऊ बनवाकर लोगों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था कर सकते हैं.
फलों का दान
गुप्त दान में फलों का दान करना भी जरूरी होता है. हमें समय-समय पर मौसम के अनुसार फलों का दान जरूर करना चाहिए. ऋतु में जो फल सबसे ज्यादा होता है उसे गरीबों, बीमार लोगों वितरित करना चाहिए. ऐसा करने से करने वाले को प्राप्त होता है. जिन्हें संतान पाने की इच्छा है उन्हें जरूरतमंदों को रसपान करवाना चाहिए फलों का साथी दान करें तो उत्तम है. फलदान में कोशिस करें कि उसे काटकर दान न किया जाए. वरना लाभ भी आधा हो (fruits daan) जाता है.
छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें