Gupt Navratri 2026: गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 26 जून से हो रही है. इस पावन अवसर पर शक्ति साधना, तांत्रिक उपासना और विशेष रूप से दस महाविद्याओं की महापूजा का दुर्लभ योग बन रहा है. इस नवरात्रि में शक्ति की आराधना सार्वजनिक नहीं होती, बल्कि यह एकांत साधना, तंत्र-जप और गोपनीय पूजा का श्रेष्ठ काल माना गया है.

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
26 जून को सुबह 6:01 से 8:21 तक रहेगा. इसी दौरान कलश स्थापना कर दुर्गा सप्तशती, देवी कवच और सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करना शुभ फलदायक रहेगा. इस दिन से लेकर आगामी 5 जुलाई 2026 तक नौ रातों की शक्तिपूजा साधकों को सिद्धि, आत्मबल और सुरक्षा प्रदान करती है.

किनकी होगी पूजा
जिसमें काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला और भैरवी की क्रमशः तांत्रिक पूजा की जाती है. यह पूजा दुर्भाग्य को काटने, शत्रु बाधा दूर करने, गुप्त धन, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत प्रभावी मानी जाती है.
शनि और राहु का योग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार गुप्त नवरात्रि में शनि और राहु का योग, साधकों के लिए विशेष रूप से फलदायी रहेगा. नियम, व्रत, मंत्रजप और रात्रि साधना के साथ यह नवरात्रि आत्मिक परिवर्तन का अवसर है.
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- राजस्थान की खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक को क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें