Gupt Navratri: माघ मास की गुप्त नवरात्रि गुरुवार, 30 जनवरी से शुरू होगी. यह नए साल का पहला गुप्त नवरात्रि है. गुप्त नवरात्रि को तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. गुप्त नवरात्रि पर गृहस्थ लोग साधारण तरीके से पूजा-अर्चना करते हैं. देवी के भक्त विशेष शक्तियों की प्राप्ति के लिए उचित अनुष्ठानों के साथ नौ दिनों का उपवास रखते हैं और देवी माँ की पूजा करते हैं.

30 जनवरी को माघ गुप्त नवरात्रि की कलश स्थापना का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 9:25 बजे से 10:46 बजे तक रहेगा, जिसकी अवधि 1 घंटा 21 मिनट है. इसके साथ ही दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 12:13 बजे से 12:56 बजे तक रहेगा, जिसकी अवधि – 00 घंटे 43 मिनट है.

इस दौरान भक्त गुप्त रूप से मां आदिशक्ति की 10 महाविद्याओं की पूजा-अर्चना करेंगे. जो लोग गुप्त विद्याओं के विद्यार्थी हैं और जो लोग किसी तंत्र-मंत्र से परेशान हैं, वे इसका इंतजार करते हैं. काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला की पूजा की जाती है.

माघ गुप्त नवरात्रि माघ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है. इस वर्ष माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि 29 जनवरी को शाम 06:05 बजे प्रारंभ होगी और यह तिथि 30 जनवरी को शाम 04:10 बजे समाप्त होगी.

अमावस्या के दिन और रात्रि में निर्माण कार्य निषिद्ध है (Gupt Navratri)

शारदीय और चैत्र नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले अधिकांश अनुष्ठान और समारोह माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान भी किए जाते हैं. घट स्थापना के माध्यम से देवी की शक्ति का आह्वान किया जाता है और फिर नौ दिनों तक साधना की जाती है. अमावस्या और रात्रि में अनुष्ठान करना निषिद्ध है. घटस्थापना का मुहूर्त प्रतिपदा तिथि को है, जो द्वि-स्वभाव मीन लग्न के दौरान है.