इंदौर- आखिर विदर्भ की टीम पहली बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बन ही गई। और ये सब हो सका है टीम गेम की बदौलत, वैसे तो विदर्भ अगर चैंपियन बना है तो पूरे टीम के खिलाड़ियों ने समय-समय पर दमदार खेल का नजारा पेश किया है। कभी बल्लेबाजों ने तो कभी गेंदबाजों ने, लेकिन क्या आपको पता है इस चैंपियन टीम में एक ऐसा युवा गेंदबाज भी निकलकर सबके सामने आया है। जिसने विदर्भ को चैंपियन बनाने में अहम रोल अदा किया है, साथ ही कई रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिए हैं। कभी सेमीफाइनल में कातिलाना गेंदबाजी कर टीम को चैंपियन बनाना हो या फिर फाइनल में, हर बड़े मैच में इस गेंदबाज ने अपनी अहम भूमिका अदा की है, जिसकी बदौलत विदर्भ की टीम चैंपियन बन सकी है।
पहले सेमीफाइनल में किया कमाल
विदर्भ का सेमीफाइनल मैच कर्नाटका जैसी मजबूत टीम के साथ था एक ऐसी टीम जिसके पास दमदार बल्लेबाजों की भरमार थी। लेकिन विदर्भ के पास युवा सनसनी रजनीश गुरबानी थे। सेमीफाइनल मुकाबले में रजनीश गुरबानी को खेल पाना कर्नाटका के बल्लेबाजों के लिए बहुत मुश्किल हो रहा था। रजनीश गुरबानी के साथ टीम इंडिया के दमदार गेंदबाज उमेश यादव का भी साथ था। लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में उमेश यादव भी इस युवा गेंदबाज की बराबरी नहीं कर सके, जिस अंदाज में गुरबानी गेंदबाजी कर रहे थे, यादव भी उनके सामने फीके नजर आ रहे थे, सेमीफाइनल मैच में उमेश यादव 4 विकेट ही ले सके, तो रजनीश गुरबानी ने 5 विकेट अपने नाम किए। इतना ही नहीं दूसरी पारी में और कमाल हो गया, आधे से ज्यादा बल्लेबाजों को रजनीश ने अपना शिकार बना लिया, दूसरी पारी में रजनीश गुरबानी ने 7 विकेट अपने नाम किए। जबकि उमेश यादव 1 विकेट ही ले सके। इस मैच में गुरबानी मैन ऑफ द मैच बने।
फिर फाइनल में कमाल
सेमीफाइनल में तो अपनी गेंदबाजी से कमाल किया ही, फाइनल में भी पीछे नहीं रहे, गुरबानी ने साबित कर दिया की वो टीम इंडिया के फ्यूचर स्टार की लिस्ट में हैं, किसी भी मैच का दबाव हो, उन्हें बेहतर खेल दिखाने से कई पीछे नहीं कर सकता। रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में गुरबानी ने पहली पारी में 6 विकेट निकाले, तो वहीं दूसरी पारी में 2 विकेट अपने नाम किए। और दिल्ली के बल्लेबाजों को बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया। जिसकी वजह से विदर्भ की टीम पहली बार चैंपियन बन गई। फाइनल मुकाबले में भी रजनीश गुरबानी मैन ऑफ द मैच बने हैं। पूरे टूर्नामेंट में गुरबानी ने 6 मैच खेलकर 39 विकेट हासिल किए हैं।
फाइनल में लगाया हैट्रिक
दिल्ली के खिलाफ खेले गए फाइनल मैच में तो गुरबानी ने इतिहास ही बना दिया। फाइनल मुकाबले की पहली पारी में गुरबानी ने हैट्रिक लगा दिया। अपनी हैट्रिक में इस युवा गेंदबाज ने पहले विकास मिश्रा, फिर सैनी और आखिर में हैट्रिक शिकार बनाया शतकवीर शोरी को, और इसके साथ ही वो कर दिखाया जो पिछले 34 साल से नहीं हो सका था।
रणजी में हैट्रिक का रिकॉर्ड
रजनीश गुरबानी ने हैट्रिक लगाकर वो कारनामा कर दिखाया, जो रणजी ट्रॉफी फाइनल के क्रिकेट इतिहास में बहुत कम लोग ही कर सके हैं। ये रणजी ट्रॉफी के 83 साल के इतिहास की 74वीं हैट्रिक है। तो वहीं रणजी ट्रॉफी के फाइनल में बनने वाली केवल दूसरी हैट्रिक है। यह कारनामा बी. कल्याण सुंदरम द्वारा बनाई गई हैट्रिक के करीब 34 साल बाद रणजी ट्रॉफी के फाइनल में हुआ है। जिसे रजनीश गुरबानी ने किया है।
जानिए कौन हैं गुरबानी ?
रजनीश गुरबानी रणजी ट्रॉफी में इस सीजन की खोज हैं, पूरे सीजन में इस युवा गेंदबाज ने कमाल की गेंदबाजी की है। 24 साल के रजनीश गुरबानी नागपुर महाराष्ट्र के रहने वाले हैं, इनका पूरा नाम रजनीश नरेश गुरबानी है, इस युवा खिलाड़ी ने अबतक 10 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं जिसमें से 52 विकेट अपने नाम किए हैं।