चंडीगढ़। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने हरियाणा-पंजाब के लोगों को पीड़ितों से मिलने से रोक दिया है. यूपी सचिव ने आदेश जारी किए हैं कि इन दो राज्यों से आने वाले लोगों को लखीमपुर खीरी जाने से रोका जाए. पहले तो पार्टी प्रमुख और अन्य राज्य के मुख्यमंत्रियों, उप मुख्यमंत्री तक को भी जाने की इजाज़त नहीं दी गई थी, लेकिन बाद में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत मिली थी. बाद में दूसरी पार्टियों के नेता भी वहां पहुंचे और पीड़ितों से मुलाकात की.

Himachal by-elections : सिद्धू, पंजाब CM चन्नी और कन्हैया होंगे हिमाचल में कांग्रेस के स्टार प्रचारक, देखें बाकी नाम

 

इधर पंजाब-हरियाणा के लोगों के लखीमपुर खीरी जाने पर अब भी प्रतिबंध लगा हुआ है, बावजूद इसके भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह चढ़ूनी पीड़ित परिवारों तक पहुंच गए और उनका हालचाल जाना. जबकि गुरनाम सिंह चढ़ूनी को रोकने के लिए भी पुलिस ने पुख्ता तैयारियां की हुई थीं और उनकी पहचान के बारे में सब जगह पर अलर्ट भेजा हुआ था.

सिद्धू ने CM चन्नी के लिए किया अभद्र भाषा का इस्तेमाल, कहा- ‘कांग्रेस की लुटिया डुबो देगा’

लेकिन गुरनाम सिंह चढ़ूनी अपना हुलिया बदलकर पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहे. अक्सर सफेद-कुर्ता पायजामा और केसरिया पगड़ी में दिखने वाले गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने लखीमपुर जाने के लिए आधे बांह की शर्ट, पैंट और पगड़ी की जगह सफेद रुमाल बांधा हुआ था. पैरों में भी हवाई चप्पल पहने होने के कारण वह किसी की पहचान में नहीं आ सके. पुलिस ने एक दूसरे गुरनाम सिंह को हिरासत में लिया, जिनके कपड़े, पगड़ी का रंग और कद-काठी बिलकुल अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी जैसी थी.

NCB Officer Detained For Abusing Woman In Train

 

वहीं लखीमपुर से लौटने के बाद गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि उनको भी आते समय रात को 1.30 बजे यूपी पुलिस ने रोका था, लेकिन उस दौरान जाने की बजाय वह वापस लौट रहे थे, इस कारण से पुलिस ने उनको जाने दिया. लखीमपुर में गुरनाम सिंह ने हिंसा में घायल हुए किसानों से मुलाकात की और मारे गए किसानों के परिजनों से भी मिले. इसके अलावाा किसानों को उनके अंतिम संस्कार वाली जगह पर जाकर श्रद्धांजलि भी दी.