रायपुर। मरवाही विधायक अमित जोगी ने पोलावरम के विरोध में कोंटा विधायक कवासी लखमा द्वारा किए जा रहे आंदोलन को नौटंकी करार दिया है.अमित जोगी ने कहा कि जिस कांग्रेस के दिल्ली में बैठे राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने पोलावरम बाँध को अनुमति देकर बस्तरवासियों का डेथ वारंट लिखा है, उसके विधायक द्वारा पोलावरम के विरोध में आंदोलन करना किसी नौटंकी से कम नहीं है,

अमित जोगी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस गुरु ने छत्तीसगढ़ विरोधी पोलावरम बाँध बनाने की पैरवी की हो, उनके चेलों को छत्तीसगढ़ पधारे अपने गुरु को छत्तीसगढ़ विशेषकर बस्तर की जनता से माफ़ी मांगने को कहना चाहिए. कांग्रेस के स्थानीय नेता पोलावरम के विरोध में घड़ियाली आंसू बहा कर पोलावरम के विरोध का ढोंग न करें. छत्तीसगढ़ की जनता बहुत समझदार है. वह घड़ियालों को भी अच्छे से जानती है और उनके आंसुओं की सच्चाई भी बखूबी जानती है.

यदि विधायक कवासी लखमा वाकई में पोलावरम बाँध के विरोध के प्रति गंभीर हैं तो उन्हें या तो पोलावरम बाँध का निर्माण तत्काल रोके जाने के विषय में अपनी पार्टी का समर्थन हासिल करना चाहिए या नैतिकता के नाते पार्टी से इस्तीफ़ा देकर जनता की लड़ाई लड़नी चाहिए. हक़ीक़त तो ये है कि जहाँ एक तरफ़ उनका अपनी पार्टी हाईकमान के सामने मुँह नहीं खुलता वहाँ दूसरी तरफ़ कोंटा क्षेत्र की भोली-भाली जनता जिसने उन्हें 1998 से लगातार विधान सभा में अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजा है, को बेवक़ूफ़ बनाने के लिए वो समय-समय पर इस प्रकार का ढोंग करते रहते हैं.

जोगी ने कहा की पोलावरम बाँध से छत्तीसगढ़ को होने वाले नुकसान का मुद्दा सर्वप्रथम उन्होंने ही उठाया था और उस समय कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं ने इस पर चुप्पी साध ली थी. अमित जोगी ने कहा की बस्तरवासियों के हितों की लड़ाई वे अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे.