भिलाई। श्री शंकराचार्य टेक्निकल कैंपस एवं श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई में आयोजित भव्य संविद 2025 एवं हैकाथॉन के उद्घाटन समारोह में शिक्षा, नवाचार और तकनीकी विकास का अभूतपूर्व समागम देखने को मिला। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक डॉ. पी. बी. देशमुख ने सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत करते हुए किया। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि एसएसटीसी में पहला हैकाथॉन वर्ष 2018 में आयोजित किया गया था और तभी से इन आयोजनों के माध्यम से छात्रों को नवाचार, शोध और तकनीकी दक्षता की दिशा में निरंतर प्रेरित किया जाता रहा है।

डॉ. पी. बी. देशमुख के स्वागत वक्तव्य के बाद समारोह को विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. ए. के. झा ने संबोधित किया। डॉ. झा ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संस्थान का उद्देश्य विद्यार्थियों में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना और उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाना है।
इंजीनियर बहु-प्रतिभाशाली, बड़े लक्ष्य तय करें – गुरु खुशवंत साहेब

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि उन्हें गर्व है कि वे इसी संस्थान के विद्यार्थी रहे हैं और यहां से उन्हें हर प्रकार का सहयोग प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि “एक नेता बनने के लिए अनुशासन अत्यंत आवश्यक है। मेरे प्रेरणास्रोत मेरे पिता रहे हैं।”

उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि इंजीनियर बहु-प्रतिभाशाली होते हैं, इसलिए उन्हें बड़े लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत से आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को तकनीक के क्षेत्र में देशभर में पहचान मिलेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ए.आई. और तकनीकी क्षेत्रों में तेजी से काम कर रही है। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इंडियन नॉलेज सिस्टम के विकास पर किए जा रहे कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के साथ भारतीय परंपरागत ज्ञान-पद्धतियों का समन्वय ही भारत को वैश्विक नेतृत्व दिला सकता है।
समारोह में श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई के कुलाधिपति आई. पी. मिश्रा ने प्रेरणादायी संबोधन देते हुए कहा कि यह अत्यंत गर्व का विषय है कि संस्थान के दो विद्यार्थी आज उच्च पदों पर प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त कर चुके हैं—छत्तीसगढ़ राज्य के कैबिनेट एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब तथा राजस्व निरीक्षक रामजी वर्मा। उन्होंने संदेश दिया कि विद्यार्थियों को नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने परिश्रम को ही सफलता की कुंजी बताया।
डॉ. जया मिश्रा, अध्यक्ष, श्री गंगाजली सोसायटी ने सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि “संविद” का प्रारंभ वर्ष 2012 में हुआ था, और मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि आज शंकराचार्य समूह के विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलताएँ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारे छात्रों ने लगभग 20 लाख रुपये लागत की फिजियोथेरेपी मशीन तैयार की है तथा हियरिंग मशीन का भी निर्माण किया है, जो संस्थान की नवाचार क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने छात्रों से कहा कि उठो और चमको, सफलता तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।
कार्यक्रम में आईआईटी भिलाई के निदेशक डॉ. राजीव प्रकाश ने अपने संबोधन में तकनीकी विकास के मूल सार पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि जब आईआईटी भिलाई का कैंपस रायपुर से भिलाई शिफ्ट हुआ था, तब आई. पी. मिश्रा ने हर स्तर पर सहयोग किया था। उन्होंने कहा कि तकनीक किसके लिए है? यह हमारे लिए है, हमारे समाज के लिए है, हमारे स्थानीय लोगों के लिए है। डॉ. प्रकाश ने जोर देकर कहा कि देश के विकास के लिए इनोवेशन और इनवोकेशन दोनों की आवश्यकता है, और यह दिशा हमें अपनी प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा से मिलती है। उन्होंने कहा कि भारत के विकास के लिए आधुनिक तकनीक और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों, दोनों का समन्वय आवश्यक है। उन्होंने विशेष रूप से फिल्टेक, एग्रीटेक और हेल्थ टेक जैसे क्षेत्रों का उल्लेख किया और कहा कि इन तीनों क्षेत्रों में आर्टिकुलेट इंटेलिजेंस के साथ व्यापक संभावनाएँ हैं। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हमें हर क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना होगा।
समारोह में दुर्ग विधायक ललित चंद्राकर, जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक, तथा रामजी वर्मा, निजी सचिव गुरु खुशवंत साहेब, भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. समता देशपांडे और डॉ. एकता मिश्रा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. स्मिता गजभिये ने आभार व्यक्त करते हुए सभी अतिथियों, आयोजकों, तकनीकी टीम, विद्यार्थियों एवं मीडिया प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया। उक्त कार्यक्रम में श्री शंकराचार्य टेक्निकल कैंपस एवं श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई के विद्यार्थियों, शोधार्थियों, कर्मचारियों, अधिकारियों एवं प्राध्यापकों के साथ विशिष्ट नागरिकों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।
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