गुरु प्रदोष व्रत: आज देशभर में गुरु प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है. यह मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. यह तिथि महीने में 2 बार आती है. यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित है. इस बार यह व्रत गुरुवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस शुभ दिन पर भक्त सुबह से शाम तक व्रत रखते हैं और शाम की पूजा के बाद अपना व्रत खोलते हैं. महादेव और माता पार्वती की पूजा करने से मन की शांति, सुख समृद्धि के साथ मनोकामनाएं पूरी होती है.
त्रयोदशी तिथि आरंभ – 28 नवंबर 2024 – 06:23 प्रारंभिक
त्रयोदशी तिथि समाप्त – 29 नवंबर 2024 – 08:39 पूर्वाह्न
पूजा का शुभ मुहुर्त– 28 नवंबर 2024 – शाम 05:23 बजे से रात 08:05 बजे तक
गुरु प्रदोष व्रत का महत्व
भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष व्रत को बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस समय वह अपने अनुयायियों को आशीर्वाद देने के लिए ब्रह्माण्डीय तांडव नृत्य करते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि प्रदोष काल में पूजा करने से भक्त के सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
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