हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का खास महत्व है. हर साल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) मनाया जाता है. इस दिन गुरु महर्षि वेद व्यास, ब्रह्मसूत्र, महाभारत, श्रीमद्भागवत और अट्ठारह पुराण जैसे अद्भुत साहित्यों की रचना की उनका जन्म हुआ था. इस दिन गुरु पूजन, पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है. लेकिन इस साल हर किसी को इसकी तारीफ को लेकर कंफ्यूजन है, कि ये पर्व 10 या 11 जुलाई कब मनाया जाएगा. आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त.

कब मनाया जाएगा गुरु पूर्णिमा

ज्योतिष पंचांग के मुताबिक, आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 10 जुलाई को रात 01 बजकर 37 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 11 जुलाई रात को 02 बजकर 07 मिनट पर तिथि खत्म होगी. इस प्रकार से 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का पर्व मनाया जाएगा.

गुरु पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:10–4:50 बजे
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59–12:54 बजे
विजय मुहूर्त: दोपहर 12:45–3:40 बजे
गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:21–7:41 बजे

गुरु पूर्णिमा शुभ योग

बता दें कि इस बार की पूर्णिमा तिथि बहुत ही खास रहने वाली है क्योंकि इस दिन इंद्र योग और वैधृति योग का निर्माण होगा. साथ ही, इस दिन भद्र का साया भी रहेगा, लेकिन भद्रा के पाताल लोक में रहने के कारण कोई असर नहीं पड़ेगा.

गुरु पूर्णिमा का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर भगवान वेद व्यास का जन्म हुआ था. इसलिए इस तिथि पर गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के पर्व को मनाया जाता है. वहीं गुरु की हमारे जीवन में महत्व को समझाने के लिए गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा पर लोग अपने गुरुओं को उपहार देते हैं और उनका आर्शीवाद लेते हैं. इसके अगले दिन से ही सावन मास शुरु हो जाता है.