नई दिल्ली। हिन्दुओं के खास त्यौहार गुरु पूर्णिमा की सोशल मीडिया में जमकर चर्चा हो रही है। चर्चा की वजह अमेरिका की अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी नासा है। नासा ने एक ट्वीट किया जिसके बाद इसे रिट्वीट करने की बाढ़ सी आ गई।
दरअसल आषाण पूर्णिमा को हिन्दु गुरू पूर्णिमा के रुप में मनाते हैं। इस साल यह 9 जुलाई रविवार को मनाया जाएगा। नासा ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट किया है। जिसमें विभिन्न देशों में चंद्रमा को पुकारे जाने वाले नामों का जिक्र किया गया है उनमें सबसे पहले गुरू पूर्णिमा का जिक्र है।
नासा ने चंद्रमा की सुंदर सी तस्वीर लगाते हुए लिखा कि इस सप्ताह के अंत में पूरा चांद रहेगा इसे गुरु पूर्णिमा, हे मून, मिड मून, राइप कॉर्न मून, बक मून और थंडर मून कहा जाता है। नासा की इस ट्वीट को काफी पसंद किया जा रहा है। इसे डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों ने रिट्वीट किया है।
क्या है गुरू पुर्णिमा
गुरु पूर्णिमा आषाण मास की पूर्णिमा को कहा जाता है। हिन्दु परम्परा के अनुसार गुरू पूर्णिमा में गुरू को पूजा जाता है, शिक्षा-दीक्षा के लिए उनका आभार माना जाता है और उन्हें गुरू दक्षिणा भी दी जाती है। भारत में यह परंपरा अनादि काल से चले आ रही है। यह माना जाता है कि इस दिन गुरू की पूजा-आराधना करने से रिद्धी-सिद्धी और आत्मिक शांति व सुख की प्राप्ति होती है। इसी दिन महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्म हुआ था। मान्यता है कि उन्होंने चारों वेदों की रचना की थी। इस वजह से उन्हें वेद व्यास भी कहा जाता है। उनके सम्मान में गुरू पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।