गुरुग्राम में बैंकों की सुरक्षा, उपाय और सिक्योरिटी को लेकर पुलिस ने सभी बैंकों के पदाधिकारियों के का आयोजन किया. यह मीटिंग डीसीपी क्राइम के कार्यालय में हुई. इस मीटिंग में डीसीपी क्राइम के साथ सभी बैंकों के पदाधिकारी व पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे.

मीटिंग के दौरान डीसीपी क्राइम विजय प्रताप सिंह ने सभी बैंकों के पदाधिकारियों से बैंकों की सुरक्षा को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की इस दौरान डीसीपी क्राइम विजय प्रताप सिंह ने बैंकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एटीएम और बैंक परिसरों मे अपराधियों की पहचान के लिए सॉफ्टवेयर से लैस उन्नत निगरानी व उच्च गुणवत्ता वाले मेगापिक्सल कैमरे लगाने का सुझाव दिया.

मीटिंग के माध्यम से डीसीपी क्राइम विजय प्रताप सिंह ने बताया की सभी एटीएम के अंदर कैमरे इस तरह से लगाए जाएं ताकि एटीएम में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के चेहरे की स्पष्ट वीडियो कैप्चर हो सके और साथ ही रात्रि के लिए नाइट विजन कैमरे लगाने की भी व्यवस्था की जाए. इसके साथ साथ डीसीपी क्राइम ने कहा कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में रात के दौरान एटीएम पर सुरक्षा गार्ड की तैनाती की जाए और उन्हें सतर्क रहने के जानकारी दी जाए व बैंकों या एटीएम में संदिग्ध तरीके से घूमते पाए जाने वाले व्यक्तियों के बारे में पुलिस हेल्पलाइन नंबर -112 पर कॉल करके पुलिस को सूचित किया जाए.

सुरक्षा उपकरणों को सही करने के दिए निर्देश

इस मीटिंग में डीसीपी क्राइम विजय प्रताप सिंह ने सुझाव दिया और सभी बैंकों के पदाधिकारियों को कहा कि समय-समय पर यह सुनिश्चित करना चाहिए की उनके द्वारा लगाए गए कैमरे ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं. इस मीटिंग के माध्यम से सभी बैंक प्रबंधकों के साथ चर्चा की गई कि जब भी किसी मामले में पुलिस द्वारा बैंक से कोई जानकारी मांगी जाए तो बैंक उस जानकारी को प्राथमिकता से ले और मामले से संबंधित जानकारी जल्द उपलब्ध करवाने का प्रयास करें ताकि अपराधियों की पहचान कर मामले में आगे की कार्रवाई कर सके. सभी बैंकों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे सभी हेल्पलाइन नंबरों को अपने-अपने बैंकों में बोर्ड/एटीएम पर प्रदर्शित करें और खाता खुलवाने आये सभी बैंक कस्टमर का वेरिफिकेशन/KYC उचित रूप से करें.