कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। प्रदेश भर में जब बंदूक और गोलियों की बात आती है, तो चर्चा में हमेशा ग्वालियर चंबल अंचल सबसे ऊपर रहता है. यही वजह है कि एक दौर था, जब अंचल में लोग हिफाज़त की खातिर हथियार रखते थे, लेकिन धीरे-धीरे अब अंचल में हथियार रखना स्टेस्ट सिंबल बन गया है. कुछ लोग सिक्योरिटी में रोजगार के पाने के लिए हथियार लायसेंस लेते है. लाइसेंसी हथियार के मामले में ग्वालियर जिले ने दस्यु प्रभावित रहे भिंड-मुरैना जिलों को भी पीछे छोड़ दिया है. ग्वालियर में लाइसेंसी हथियारों की संख्या 33 हज़ार के पार हो चुकी है. इस आंकड़े के साथ ही ग्वालियर मध्यप्रदेश का सबसे ज्यादा लाइसेंसी हथियार वाला जिला बन गया है.

ग्वालियर में लाइसेंसी हथियार 33 हजार 700 तक पहुंच गए हैं. ग्वालियर मध्यप्रदेश के 52 जिलों में सबसे ज्यादा हथियार वाला जिला बन गया है. जबकि दस्यु प्रभावित रहे भिंड जिले में 24 हजार, मुरैना में 29 हजार 700 लाइसेंसी हथियार है. राजधानी में लगभग तिहाई 12029 लाइसेंसी हथियार हैं. हथियारों के क्रेज का अंदाजा इसी से लगता है कि कलेक्टर, एडीएम से मिलने वाला हर तीसरा व्यक्ति लाइसेंस की ही फरियाद लेकर आता है. सिर्फ कलेक्ट्रेट में ही इन दिनों 1100 आवेदन लंबित हैं. वहीं पुलिस के अलग-अलग दफ्तरों में 3500 आवेदन अभी प्रक्रिया में हैं. इसके बाद भी आवेदनों की रफ्तार थमी नहीं है.

UP में गरजे MP के CM: शिवराज बोले- अरे अब्बास! तू क्या हिसाब लेगा रे, रस्सी जल गई ऐंठ नहीं गई, ये माफिया की औलाद जनता का क्या कर सकता है ?

ग्वालियर में इस समय 33 हजार 700 लाइसेंस हैं. इनमें 1580 पिस्टल-रिवाल्वर हैं. हथियार के शौकीन शहर से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र में हैं. इन दिनों सर्वाधिक बिक्री और डिमांड 315 बोर राइफल की है. इसकी कीमत में भी सर्वाधिक 20 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है. स्टेटस सिंबल के तौर पर भी हथियार के लाइसेंस लेने वाले कहते है कि उन्होंने हिफाजत के खतिर हथियार लिए हैं. वहीं रोजगार के लिए भी बड़ी तादाद में लोग लाइसेंसी हथियार ले रहे हैं. हथियार के चलते बेरोजगारों को सिक्योरिटी ऑफिसर की नौकरी में ज्यादा पगार मिलती है.

आम जनता की जेब से जुड़ी खबर: गर्मी के मौसम में भारी भरकम बिजली बिल से हैं परेशान, तो ऐसे बचें

एडीएम इच्छित गढ़पाले का कहना है कि उनके द्वारा बड़ी संख्या में हथियार लाइसेंस के लिए किए गए आवेदनों को निरस्त किया गया है. जिनमें कई खामियां मौजूद थी. उसके बावजूद आवेदकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिसको लेकर एडीएम खुद मानते हैं कि यहां पर पहले जहां ज्यादातर लोग आत्मरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस बनवाते थे. वही अब हथियार रखना ग्वालियर में एक क्रेज बन गया है.

केंद्रीय मंत्री सिंधिया का VIDEO वायरल: छात्रों के लिए रोमानिया मेयर से हुई ज्योतिरादित्य की तू तू मैं मैं, जानिए फिर क्या हुआ ?

BREAKING: देश के पहले बर्खास्त IAS अरविंद जोशी का निधन, चर्चित अफसर कई मामलों में थे आरोपी

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus